कांग्रेस के नेता ने किया BJP को सैल्यूट, अपनी पार्टी की हार पर कही यह बात...

लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) में कांग्रेस पार्टी 543 में से सिर्फ 52 सीट ही जीत पाई। नॉर्थ ईस्ट में जहां कांग्रेस का लगभग सफाया हो गया। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के हाथों कांग्रेस (Congress) को मिली करारी हार के बाद पार्टी अपना वजूद तलाश रही है। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के नेतृत्व में पार्टी को इतनी बड़ी हार का सामना करना पड़ेगा शायद कांग्रेस (Congress) ने कभी सोचा भी नहीं होगा। अब इस हार पर मंथन करने के लिए आज कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक होगी। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस कार्य समिति (CWC) के दौरान अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) में हार की पूरी जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश कर सकते हैं। एनडीटीवी से बात करते हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस (Congress) के प्रदर्शन पर अपनी राय रखते हुए कांग्रेस (Congress) के नेता गौरव गोगोई (Gaurav Gogoi) ने कहा कि निश्चित तौर पर कांग्रेस देश का नब्ज टटोलने में नाकाम रही, जिसका खामियाजा लोकसभा चुनाव मे भुगतना पड़ा। जनता ने बीजेपी को बहुमत देकर अपना फैसला साफ तौर पर रख दिया कि वो चाहते थे कि बीजेपी (BJP) वापस सत्ता में लौटे और अपना दूसरा टर्म पूरा करे। बीजेपी (BJP) को इस जीत के लिए सैल्यूट। उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा कि अब जब चुनाव खत्म हो गए हैं, तो कड़वाहट भी खत्म हो गई है। अब ध्यान उन मुद्दों पर होना चाहिए जिसका देश सामना कर रहा है। जैसे- बैंकिंग, तनाव से गुजर रही कंपनियां, ग्रामीण संकट आदि।

बता दें कि गौरव गोगोई (Gaurav Gogoi) कांग्रेस के उन नेताओं में से हैं, जिन्होंने जीत दर्ज की है। उन्होंने कलियाबोर लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की है। उन्होंने यहां असम गण परिषद् के उम्मीदवार मोनी माधव महंत को हराया। असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई (Tarun Gogoi) के बेटे गौरव गोगोई (Gaurav Gogoi) ने साल 2014 में भी जीत दर्ज की थी।

उठने लगे है पार्टी में अंदरूनी कलह


वहीं अब कांग्रेस की अंदरूनी कलह भी बाहर निकलने लगी है। पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता अब कांग्रेस अध्यक्ष की रणनीति पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि राहुल की ओर से किए गए निजी हमले जब काम नहीं कर रहे थे तो उन्होंने उन्हें जारी क्यों रखा। ऐसा ही कुछ आडवाणी के साथ भी हुआ था जब 2009 में कमजोर प्रधानमंत्री कहते हुए उन्होंने मनमोहन सिंह पर निजी हमला किया था। लेकिन जितना उन्होंने उन पर हमला किया उतना ही उनका खुद का नुकसान होता गया। बाद में हालात यह रहे कि जनता ने इस बात को नकार दिया और सिंह एक बार फिर किंग बने। निजी हमले न उस समय काम किए थे और न ही आज काम कर सके। जितना विपक्ष ने उन पर हमले किए, यहां तक की चोर शब्द का भी इस्तेमाल किया उतना ही लोगों का उन्हें सपोर्ट मिलता रहा।