बिहार : लोकसभा चुनाव के कारण बदलने लगीं विवाह की तारीखें!

लोकसभा चुनाव के कारण बिहार में शहनाई की धुनों पर ब्रेक लग गया है। कई किशोर-किशोरियों के एक-दूजे के होने की तारीखें या तो आगे सरक गई हैं या आगे बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।

बिहार में लोकसभा चुनाव सभी सात चरणों में होना है। चुनाव की लंबी प्रक्रिया के कारण मतदान की तिथियों और उस दौर में विवाह की तिथियों के एक ही दिन हो जाने के कारण लोग अब शदियों की तिथियां बदलने लगे हैं।

अपनी पुत्री का विवाह तय कर चुके पटना के रामयश पांडेय कहते हैं, "चुनाव के दौरान सबसे ज्यादा संकट गाड़ियों का है। बेटी की शादी बेतिया में तय हुई है और तीन महीने पहले ही शादी की तिथि 12 मई निश्चित कर ली गई थी। लेकिन 12 मई को ही बेतिया में मतदान होना है। आज स्थिति यह है कि अब बारात लाने के लिए वहां गाड़ियां नहीं मिल रही हैं। इसलिए अब चुनाव बाद शादी की कोई नई तिथि तय करेंगे।"

वह कहते हैं, "वाहन मालिक गाड़ियों की मुंहमांगी कीमत मांग रहे हैं। यही नहीं गाड़ियों को ले जाने के लिए प्रमाण-पत्र की आवश्यकता होगी। तिलक के लिए और परेशानी, क्योंकि अगर आप पैसा ले जा रहे हैं और पकड़े गए तो उसका भी प्रमाण देना होगा।"

शहरों में ही नहीं गांवों में भी चुनाव के कारण शादियों की तिथियां बढ़ाई जा रही हैं। मुंगेर के सामपुर थाना क्षेत्र के बागेश्वरी गांव के निवासी संतोष कुमार के पुत्र का विवाह 30 अप्रैल को होना था। उन्होंने बारात के लिए बस और कारें बुक कर ली थीं, परंतु अब बस मालिक ने कहा है कि उसे अपनी बस मतदान कार्य के लिए प्रशासन को देनी है।

कुमार ने कहा, "अब शादी की तिथि आगे बढ़ाने के अलावा कोई रास्ता नहीं है। हम अब शादी की नई तिथि तय करने पर चर्चा कर रहे हैं।"

यही स्थिति रोहतास जिले के भलुआ गांव निवासी राम प्रवेश तिवारी की है। रामप्रवेश ने अपने पुत्र मधुसूदन की शादी कुदरा थाना क्षेत्र में तय की थी, जो 19 मई को होनी थी। परंतु इसी दिन इस क्षेत्र में मतदान होना है। राम प्रवेश कहते हैं कि अब 19 मई को यह शादी नहीं होगी, कोई दूसरी तिथि तय करेंगे।

विवाह समारोह वैसे चुनावी आचार संहिता से बाहर है। परंतु लाउडस्पीकर, बैंडबाजा, हाथी-घोड़ा आचार संहिता के दायरे में आते हैं। इस कारण इनके उपयोग के लिए पूर्व अनुमति लेनी होगी।

पटना के एक अधिकारी ने कहा, "विवाह पर चुनाव आचार सिंहता लागू नहीं होती है। परंतु बैंड बाजा और लाउडस्पीकर बजाने के लिए प्रशासन से आदेश लेना ही होता है।"

कम्युनिटी हॉल मालिकों और होटलों वालों के लिए भी चुनाव की तिथियां परेशानी का सबब बन गई हैं।

दरभंगा के विद्यापति चौक स्थित डॉ. वसुधा रानी विवाह भवन के उमेश कहते हैं, "अप्रैल और मई की शादियों के लिए 15 बुकिंग हैं। परंतु चुनाव तिथि की घोषणा के बाद लोग आकर अब इसमें बदलाव करने लगे हैं। जिनके घर शादियां हैं, उन्हें अपने क्षेत्र में मतदान की तिथियों के साथ उस क्षेत्र में भी चुनावी तिथियों को मिलान करना पड़ रहा है, जहां से बारात आनी या जानी है।"

ज्योतिषियों का कहना है कि इस वर्ष अप्रैल और मई में विवाह के कई शुभ मुहूर्त हैं। लेकिन चुनाव ने शुभ मुहूर्त को बेमानी बना दिया है।

पंडित जय कुमार पाठक बताते हैं कि 14 अप्रैल के बाद खरमास समाप्त हो जाएगा और उसके बाद से ही विवाह मुहूर्त प्रारंभ हो जाएगा।

पंडित सुधीर मिश्रा बताते हैं कि महावीर पंचांग के मुताबिक अप्रैल महीने में 11 दिन और मई महीने में 17 दिन विवाह के लिए अति शुभ मुहूर्त हैं, जबकि मिथिला पंचांग के मुताबिक भी इन दोनों महीनों में कई दिन विवाह के लिए शुभ मुहूर्त हैं।

गौरतलब है कि बिहार में लोकसभा चुनाव के सभी सात चरणों 11, 18, 23 और 29 अप्रैल को तथा छह, 12 और 19 मई को मतदान होने हैं।

(इनपुट एजेंसी)