बेगूसराय से लेफ्ट उम्मीदवार के तौर पर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे कन्हैया कुमार, देखने को मिलेगा त्रिकोणीय मुकाबला

लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) की तारीखों की घोषणा के बाद बिहार (Bihar) में महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर बीते कुछ दिनों से सियासत सुर्खियों में हैं। शुक्रवार को महागठबंधन ने सीट बंटवारे को लेकर प्रेस कांफ्रेंस की जिसमें भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी (CPI) को नजरअंदाज कर दिया। वहीं, विपक्षी दलों के महागठबंधन ने भाकपा (माले) को तो तरजीह दी। महागठबंधन की ओर से टिकट नहीं मिलने के बाद अब जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के छात्र नेता कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) बेगूसराय सीट (Begusarai Seat) से ही CPI की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। इसकी घोषणा CPI की बिहार इकाई के सचिव सत्यनारायण सिंह ने पटना में की है। वहीं, CPI ने अन्य सीटों पर उम्मीदवार तय करने के लिए रविवार को बैठक बुलाई है। CPI के प्रदेश सचिव सत्यनारायण सिंह ने कहा कि दिल्ली के JNU के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) का बेगूसराय (Begusarai Seat) से चुनाव लड़ना तय है।

कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) की दावेदारी के बाद अब बेगूसराय लोकसभा सीट का मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है, क्योंकि यहां अब त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा। एक ओर जहां बीजेपी के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह होंगे, तो दूसरी ओर मोदी लहर में भी अपनी छाप छोड़ने वाले राजद के तनवीर हसन और इधर युवाओं के बीच अपनी पहचान बनाने वाले जेएनयू के छात्र नेता रह चुके कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar)।

CPI के प्रदेश सचिव सत्यनारायण सिंह ने कहा 'महागठबंधन का स्वरूप तय होने के बाद अब यह साफ है कि हमें बिहार में अपने बलबूते चुनाव लड़ना है। बेशक हम चुनाव लड़ेंगे और इस बारे में स्पष्ट रणनीति के लिए रविवार को बैठक बुलाई गई है, जिसमें मधुबनी, मोतिहारी, बांका, खगड़िया जैसी सीटों पर चुनाव लड़ने को लेकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।'

माना जा रहा है कि कन्हैया की उम्मीदवारी को अन्य वामपंथी दल भी अपना समर्थन देंगे और वह संयुक्त लेफ्ट दलों के साझा उम्मीदवार होंगे। इससे पूर्व CPI के केंद्रीय नेताओं से लेकर के राज्य नेतृत्व यह उम्मीद लगाए बैठी थी कि राजद कन्हैया कुमार को महागठबंधन का उम्मीदवार बनाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। राजद के इसी स्टैंड को देखते हुए सीपीआई ने फ़ैसला किया कि वह इस सीट पर चुनाव लड़ेगी और कन्हैया कुमार ही उनके उम्मीदवार होंगे। दरअसल, बिहार के बेगूसराय को एक ज़माने में लेफ्ट ख़ासकर CPI का गढ़ माना जाता था और इस संसदीय सीट पर कई बार पार्टी के उम्मीदवारों ने ही जीत का परचम लहराया। मगर 90 के दशक के बाद सीपीआई (CPI) कमजोर होने लगी। लेफ्ट की जीत अब राजद के समर्थन पर निर्भर होने लगी। राजद के समर्थन से ही वाम दलों की जीत ही संभव होती थी। हालांकि पिछले कई महीनों से यह अटकलें लगायी जा रही थी की कन्हैया महागठबंधन के उम्मीदवार होंगे लेकिन राजद नेतृत्व ने कन्हैया को अपना उम्मीदवार नहीं बनाया। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को लगता है कि उनके उम्मीदवार तनवीर हसन जो पिछले चुनाव में मोदी लहर के बावजूद पिछले करीब 60 हजार वोटों के अंतर से हार गए थे, अगर इस बार उन्हें फिर से उम्मीदवार बनाया गया तो तनवीर हसन राजद को यह सीट जीता सकते हैं। इस बार NDA से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह उम्मीदवार होंगे वहीं राजद की ओर से तनवीर हसन।

बता दे, शुक्रवार को महागठबंधन ने सीटों की घोषणा की है। बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से RJD जहां 20 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी, वहीं कांग्रेस के खाते में 9 सीटें गई हैं। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) को 5, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) व विकासशील इंसान पार्टी को 3-3 सीटें दी गई हैं। भाकपा (माले) को राजद कोटे से 1 सीट दी गई है। लोकसभा चुनाव में भाकपा (माले) ने जहां 23 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, वहीं माकपा छह और भाकपा ने दो सीटों पर अपने-अपने प्रत्याशी चुनाव में उतारे थे। बिहार की आरा, सीवान, बेगूसराय, पाटलीपुत्र, काराकाट, उजियारपुर, मधुबनी सीटों पर वाम दलों का प्रभाव माना जाता है। बिहार में कुल 40 लोकसभा सीटों के लिए 7 चरणों में 11 अप्रैल, 18 अप्रैल, 23 अप्रैल, 29 अप्रैल, 6 मई, 12 मई और 19 मई को मतदान होगा। वोटों की गिनती 23 मई को होगी।