गृहमंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने नेहरू मैदान में लोगों को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के बालाकोट में एक आतंकवादी शिविर पर हवाई हमला करने और इस अभियान में मारे गए आतंकवादियों की संख्या पर प्रश्न खड़े करने पर कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि अगर 1971 में पाकिस्तान को विभाजित करने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की प्रशंसा हो सकती है तो इस्लाबाद को पुलवामा आतंकवादी हमले का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ क्यों नहीं हो सकती। उन्होंने कहा, 'अगर पाकिस्तान के विभाजन के लिए कार्रवाई करने के लिए देश में इंदिरा की प्रशंसा होती है तो पुलवामा हमले पर पाकिस्तान को जैसे को तैसा जवाब देने के लिए मोदी के कदम की प्रशंसा से भारत में कुछ लोगों को परेशान क्यों होना चाहिए।' राजनाथ ने कहा कि 26 फरवरी को हवाई हमले से पाकिस्तान में बेचैनी है, जो कि समझ में भी आती है। लेकिन जानना कहा कि भारत के कुछ तबकों में भी इसी प्रकार का माहौल क्यों है।
राहुल गांधी पर तंज 'वो बोलते रहते हैं उन्हें सीरियसली न लें' : राजनाथ सिंह
एक न्यूज एजेंसी से बात करते वक्त कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर तंज कसते हुए राजनाथ ने कहा कि उनके द्वारा जो कुछ भी कहा जा रहा है वो बेबुनियाद है निराधार है वो इस प्रकार की बाते बोलते रहते हैं उन्हें सीरियसली न लें। बीजेपी के घोषणापत्र पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट करके हमला किया था। उन्होंने बोला कि बीजेपी का घोषणापत्र एक बंद कमरे में बना है और कांग्रेस का घोषणापत्र विचार-विमर्श और लोगों से बातचीत के बाद बना है। इस ट्वीट के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने राहुल गांधी पर जवाबी हमला बोलते हुए कहा, 'मैं समझता हूं कि भारत के राजनैतिक इतिहास में कभी किसी मैनिफ़ेस्टो में इतने लोगों का इन्वॉल्वमेंट नहीं रहा। जितने लोगों ने इस बार हिस्सा लिया। उनके द्वारा जो कुछ भी कहा जा रहा है वो बेबुनियाद है निराधार है वो इस प्रकार की बाते बोलते रहते हैं उन्हें सीरियसली न लें।'