क्या 'मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट' अब 'मोदी कोड ऑफ कंडक्ट' बन गया : कांग्रेस

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार के हाल में दिए बयानों को लेकर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि क्या 'मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट' अब 'मोदी कोड ऑफ कंडक्ट' बन गया है? शनिवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्विटर पर लिखा, 'क्या एमसीसी (MCC) अब बन गया है - 'मोदी कोड ऑफ कंडक्ट'। आदित्यनाथ भारतीय सेना का अपमान करते है - EC उन्हें 'प्रेम पत्र' लिखता है। नीति आयोग VC न्याय योजना को कोसते हैं - EC कहता है 'आगे से मत करें'। चुनाव आयोग ‘सतासीन ताक़तों को सच्चाई का आईना’ दिखाने से घबरा क्यों रहा है?' गौरतलब है कि हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने भारतीय सेना को मोदी जी के सेना कहा था। वहीं नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कांग्रेस द्वारा घोषित 'न्याय योजना' की आलोचना की थी। चुनाव आयोग ने इन दोनों ही मामलों को आचार संहिता का उल्लंघन माना था और भविष्य में सावधानी बरतने की नसीहत दी थी।

चुनाव आयोग पर आजम का तंज, कहा - 'BJP वाले बोलें तो ठीक, हम बोलें तो गलत, ये कैसा न्याय है?'

रामपुर में एक चुनावी रैली में लोगों को संबोधित करते हुए बीजेपी के साथ चुनाव आयोग पर जमकर निशाना साधते हुए समाजवादी पार्टी (एसपी) नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान ने कहा कि उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सेना को 'पीएम मोदी की सेना' बता दिया था। इसके बाद मुख्तार अब्बास नकवी भी ऐसा ही बयान दिए, लेकिन चुनाव आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की। कल्याण सिंह के खिलाफ ईसी ने कोई कार्रवाई नहीं की. आजम यहीं नहीं रूके। उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी चुनाव जीतने के लिए कुछ भी कर सकती है। वोट के लिए फौज का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सारा दिन बीजेपी के नेता मुसलमानों को गाली दे रही है। बीजेपी पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि मु्सलमानों को गाली देने के अलावा बीजेपी दूसरा कोई काम नहीं कर रही है। मंच से आजम खान ने कहा कि देश की दूसरी आबादी परेशान हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ये कैसी सरकार है, जो यह नहीं बताती कि विकास कितना हुआ है। उन्होंने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि मैंने कहा था कि हमारे देश की सीमा की रक्षा के लिए हम अपने खून की एक-एक बूंद बहा देंगे। तो इस बयान पर चुनाव आयोग ने नाराजगी जताई थी। ये कैसा न्याय है?