AAP-कांग्रेस गठबंधन : उम्मीद अब भी कायम, थोड़ी देर में फैसला लेंगे राहुल गांधी, शीला दीक्षित को है एतराज

लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) और कांग्रेस (Congress) के बीच गठबंधन होगा या नहीं इस पर अब भी सस्पेंस बरकरार है। गठबंधन को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने दिल्ली कांग्रेस नेताओं की बैठक बुलाई है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने गठबंधन पर फैसला लेने के लिए आज सुबह 10 बजे अपने आवासा पर एक अहम बैठक बुलाई है। इस बैठक में दिल्ली कांग्रेस की अध्यक्ष शीला दीक्षित (Sheila Dikshit), तीनों कार्यकारी अध्यक्ष और दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी पीसी चाको भी मौजूद रहेंगे। माना जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आज कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से आप के साथ गठबंधन पर फैसला ले सकती है। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित (Sheila Dikshit) चाहती है कि कांग्रेस आप के साथ गठबंधन न करे। जबकि, दिल्ली प्रभारी पीसी चाको, अजय माकन समेत कई नेता चाहते हैं कि इस चुनाव में कांग्रेस आप के साथ गठबंधन करके चुनावी मैदान में उतरे।

इससे पहले शीला दीक्षित ने कहा था कि कांग्रेस बिना गठबंधन के दिल्ली की जनता के बीच जाएगी। लेकिन, दोबारा गठबंधन की बातों को तब बल मिला था जब दिल्ली प्रभारी पीसी चाको का एक ऑडियो वायरल होने लगा था। इस ऑडियो में वह केजरीवाल के साथ गठबंधन को लेकर अपने कार्यकर्ताओं से सवाल पूछ रहे थे। इस ऑडियो क्लिप में पीसी चाको की आवाज बताई जा रही है। ऑडियो में कहा जा रहा है, ''मैं पीसी चाको दिल्ली कांग्रेस का प्रभारी बोल रहा हूं। बीजेपी हराने के लिए कांग्रेस पार्टी को आम आदमी पार्टी से गठबंधन करना चाहिए? हां के लिए एक दबाएं, ना के लिए दो दबाएं।''

बता दें कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन को लेकर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हुई। हालांकि, आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) दिल्ली की सातों सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है और चुनाव अभियान भी शुरू कर दिया। लेकिन सूत्रों का मानना है कि दोनों पार्टियों में अभी भी गठबंधन को लेकर बातचीत जारी है।

सबसे बड़ा सवाल जो सबके जहन में उठ रहा है कि आखिर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों ही दिल्ली में साथ चुनाव क्यों लड़ना चाहती हैं। हम बता दे कि यह पूरा खेल आंकड़ों का है। साल 2014 लोकसभा चुनाव के आंकड़ें देखें तो दिल्ली में भाजपा ने 46.63 फीसदी वोटों के साथ सातों सीटों पर कब्जा कर लिया था। वहीं अगर आम आदमी पार्टी के वोट फीसद देखें तो वह 33.08 फीसदी के साथ दूसरे नंबर पर थी। कांग्रेस को 42.01 फीसदी वोटों का नुकसान हुआ था, उसका आंकड़ा 15.22 फीसदी ही पहुंच पाया। अगर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के वोट फीसद को जोड़ा जाए तो यह 48 फीसदी से ज्यादा जा रहा है, जो कि भाजपा से ज्यादा है। ऐसे में दोनों पार्टियों का सोचना है कि साथ चुनाव लड़ने से दोनों को फायदा होगा और भाजपा को हराने में मदद मिलेगी।

केजरीवाल ने कांग्रेस बीजेपी पर बोला हमला

वहीं केजरीवाल ने एक बार फिर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर हमला बोला है। केजरीवाल ने रविवार को लोगों से अपील करते हुए कहा कि बीजेपी और कांग्रेस जैसी 'झूठी' पार्टियों को वोट न दें। दोनों दलों ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने को लेकर 'झूठे वादे' किये थे। उन्होंने कहा कि जिस तरह पश्चिम बंगाल के लोगों ने तृणमूल कांग्रेस और तमिलनाडु के लोगों ने अन्नाद्रमुक के लिये वोट किया ठीक उसी तरह दिल्ली को आम आदमी पार्टी को वोट देना चाहिए। वही रविवार को किताब ‘वादा फरामोशी’ का विमोचन करते समय अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कहा कि गर बीजेपी (BJP) की सरकार बनी तो फिर देश में 2019 के बाद कोई चुनाव नहीं होगा और नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) अनंतकाल के लिए प्रधानमंत्री बने रह जाएंगे।

बता दे, कुछ दिन पहले भाजपा के ‘मैं भी चौकीदार’ अभियान पर तंज कसते हुए अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कहा था कि अगर लोग चाहते हैं कि उनके बच्चे ‘चौकीदार’ बनें तो उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वोट देना चाहिए। केजरीवाल ने कहा कि अगर वे अपने बच्चो को अच्छी शिक्षा देना चाहते है तो आम आदमी पार्टी के पक्ष में मतदान करना चाहिए। केजरीवाल ने एक ट्वीट में कहा है कि मोदी चाहते हैं कि पूरा देश ‘चौकीदार’ बनने की कोशिश करे। दिल्ली के मुख्यमंत्री नेएक ट्वीट में कहा 'अगर लोग चाहते हैं कि उनके बच्चे चौकीदार बनें तो उन्हें मोदी के लिए वोट देना चाहिए लेकिन अगर वह चाहते हैं कि उनके बच्चे को अच्छी शिक्षा मिले और वे डॉक्टर, इंजीनियर या वकील बनें तो उन्हें आम आदमी पार्टी को वोट देना चाहिए।'

केजरीवाल ने मालवीय नगर में एक रैली में कहा, 'हमें वोट देना दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की दिशा में पहला कदम है। हम पूर्ण राज्य के दर्जे के लिये लड़ाई लड़ेंगे और दो साल के भीतर इसे हासिल कर लेंगे।'

बता दें कि दिल्ली की सभी सातों सीटों पर एक चरण में मतदान होगा। दिल्ली में छठे चरण में 12 मई को मतदान होगा ।