हवाई जहाज में बीच की सीट को लेकर DGCA ने लिया ये बड़ा फैसला, 3 जून से लागू होंगे रूल्स

सिविल एविएशन रेगुलेटर DGCA ने यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए सोमवार को फैसला लिया है कि एयरलाइंस (Airlines) को अब जहाज में बीच वाली सीट खाली रखनी होगी। DGCA ने कहा है कि उड़ानों के दौरान सीटों को इस तरह से आवंटित किया जाए कि दो यात्रियों के बीच की सीटों को जहां तक संभव हो सके खाली रखा जाए। अगर यह संभव ना हो तो ऐसी स्थिति में बीच की सीट के य़ात्री को एक शरीर को कवर करने वाला गाउन देने की बात कही गई है। इस कवर को कपड़ा मंत्रालय द्वारा अनुमोदित मानकों के अनुसार बनाना होगा। हालांकि एक परिवार के सदस्यों को एक साथ बैठने की इजाजत दी जा सकती है। इसके अलावा सभी यात्रियों को एयरलाइंस द्वारा सुरक्षा किट देने का आदेश दिया गया है जिसमें मास्क, फेस शील्ड और सैनेटाइज़र पाउच शामिल होंगे। नई गाइडलाइंस 3 जून से लागू होंगी।

दरअसल, एयर इंडिया के एक पायलट देवेन कनानी ने बंबई हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि दो यात्रियों के बीच वाली सीट खाली रखने से जुड़ी शर्त का एयर इंडिया पालन नहीं कर रही है। उन्होंने कहा था कि विदेश में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने में एयरलाइन ने कोरोना वायरस से जुड़े सुरक्षा कदमों का पालन नहीं किया।

सर्वोच्च न्यायालय ने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर सरकार और DGCA के रवैये पर सवाल उठाए थे जिसके बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 26 मई को एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था। इस विशेषज्ञ समिति ने स्वास्थ्य संबंधी प्रोटोकॉल की समीक्षा करने के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय को अपनी सिफारिशें सौंपी। इन सिफारिशों में बीच की सीट खाली छोड़ने के अलावा और भी कई सुझाव दिए गए हैं। इसमें सभी यात्रियों को एयरलाइंस द्वारा सुरक्षा किट प्रदान किया जाना शामिल है। इस किट में मास्क, फेस शील्ड और सैनेटाइज़र (पाउच) शामिल हैं।