नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत 24 अगस्त को इस बारे में अपना आदेश सुनाएगी कि भूमि के बदले नौकरी घोटाले के कथित मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनके बेटे और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव और आठ अन्य के खिलाफ दायर पूरक आरोप-पत्र पर संज्ञान लिया जाए या नहीं।
विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने शनिवार को जांच एजेंसी की दलीलें सुनने के बाद अभियोजन पक्ष की शिकायत (ईडी के आरोप-पत्र के समकक्ष) पर आदेश सुरक्षित रख लिया।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अदालत को बताया कि आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद हैं।
पूरक आरोप-पत्र 6 अगस्त को अदालत के समक्ष दाखिल किया गया था। ईडी ने सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर मामले दर्ज किए हैं।
ईडी ने कहा कि यह मामला मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र में ग्रुप-डी की नियुक्तियों से संबंधित है। यह नियुक्तियां लालू प्रसाद के 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहने के दौरान की गई थीं। इन
नियुक्तियों के बदले में नियुक्तियों में शामिल लोगों ने राजद सुप्रीमो के परिवार या सहयोगियों के नाम पर जमीन के टुकड़े उपहार में दिए या हस्तांतरित किए।