कुंभ मेला: माघी पूर्ण‍िमा पर आज श्रद्धालु लगा रहे हैं आस्‍था की डुबकी, 1.5 करोड़ लोगों के स्नान करने का अनुमान, सुरक्षा के कड़े इंतजाम

प्रयागराज (Prayagraj) के कुंभ मेले (Kumbh Mela 2019) में आज माघी पूर्णिमा का स्नान पर्व है। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा (Pulwama) में सीआरपीएफ (CRPF) के काफिले पर हमले में कम से कम 40 जवानों के शहीद होने की घटना के मद्देनजर सबसे बड़े आध्यात्मिक समागम कुम्भ मेले प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं। पुलवामा (Pulwama) के आतंकी हमले (Pulwama Terror Attack) की वजह से प्रमुख स्थानों की सुरक्षा एनएसजी व एटीएस कमांडों के ज़िम्मे होगी। पुलवामा की घटना के चलते पूरे मेला क्षेत्र में आपरेशन क्लीन अभियान चलाया जा रहा है। अफसरों का कहना है कि मेले में ख़ुफ़िया विभाग ने कोई ठोस इनपुट नहीं दिया है, लेकिन पुलवामा की घटना से सबक लेते हुए माघी पूर्णिमा पर सुरक्षा के विशेष इंतजाम किये गए हैं। पूरी सुरक्षा व्यवस्था की नये सिरे से समीक्षा की जा रही है।

कुंभ मेले का यह पांचवा स्नान पर्व है। माघी पूर्णिमा के मौके पर कुंभ मेले में तकरीबन पौने दो करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने की उम्मीद है। स्नानार्थियों के लिए मेला क्षेत्र में सुरक्षा की प्रर्याप्त व्यवस्था की गई है।

कुम्भ मेलाधिकारी विजय किरण आनंद ने सोमवार को बताया था कि अगर कहीं अतिरिक्त सुरक्षा बलों की आवश्यकता पडेगी तो रिजर्व से फोर्स लेकर तत्काल तैनाती की जाएगी। उन्होंने कहा कि अभी मेला के लिए पर्याप्त बल है। मेला क्षेत्र में 96 कन्ट्रोल वाच टावर स्थापित हैं। इसके साथ मेला क्षेत्र में 440 सीसीटीवी कैमरों की मदद से निरंतर निगरानी की जा रही है। मेलाधिकारी ने बताया कि त्रिवेणी स्नान के लिए सुबह से श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। देर शाम तक करीब 60 से 70 लाख लोगों के स्नान करने की संभावना है। उन्होंने कहा कि रेल गाडियों में सीमित भीड़ आती है जबकि निजी वाहन जैसे ट्रैक्टर, जीप, बस आदि से 90 प्रतिशत श्रद्धालु संगम पहुंच रहे हैं।

आनंद ने कहा कि मकर संक्रांति, बसंत पंचमी और मौनी अमावस्या स्नान पर जो व्यवस्थाएं की गई थीं, उसमें इस बार थोड़ा संशोधन किया गया है। मंगलवार का स्नान, शाही स्नान नहीं होने के कारण अखाड़ा मार्ग पर तैनात रहे जवानों को शहर के मुख्य चौराहों पर भीड़ नियंत्रित करने के लिए तैनात किया गया है। कुम्भ मेला के डीआईजी के पी सिंह ने कहा कि मेला प्रशासन की सबसे बड़ी जिम्मेदारी श्रद्धालुओं को स्नान के बाद सुरक्षित उनके गंतव्य प्रस्थान की सुविधा देना है। दूर दराज से आए श्रद्धालुओं के लिए कई मेला विशेष ट्रेनों के साथ ही राज्य परिवहन निगम ने अलग-अलग दिशाओं में रोडवेज की बसों का संचालन शुरू किया है।

उन्होंने बताया कि सोमवार को लगभग 70 लाख लोगों ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई। इस तरह से सोमवार और मंगलवार को स्नान करने वालों की संख्या करीब डेढ़ करोड़ से दो करोड़ रहने की उम्मीद है। माघी पूर्णिमा के साथ ही संगम की रेती पर पिछले एक महीने से चल रहा कल्पवास भी ख़त्म हो जाएगा। कल्पवास की पूर्णाहुति होते ही मेले से ज़्यादातर संत महात्मा और श्रद्धालु वापस चले जाएंगे। मेले का औपचारिक समापन चार मार्च को महाशिवरात्रि पर होगा। माघी पूर्णिमा पर कुंभ आने वाले श्रद्धालु आठ किलोमीटर के दायरे में फैले चालीस घाटों पर स्नान कर सकेंगे। स्नान पर्व के मद्देनजर प्रयागराज के सभी स्कूल कॉलेज तीन दिन तक बंद रखे जाने के आदेश हुए हैं। इसके अलावा शहर में बिना पास वाले वाहनों के चलने पर एक दिन पहले से ही पाबंदी लगा दी गई है।