शिलॉन्ग: शारदा घोटाले में पूछताछ के लिए CBI दफ्तर पहुंचे पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार, पूछे जा सकते हैं ये सवाल

शारदा चिटफंड घोटाले में सबूतों को नष्ट करने में उनकी भूमिका को लेकर कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से आज सीबीआई मेघालय के शिलॉन्ग में पूछताछ करेगी। राजीव कुमार शिलॉन्ग में सीबीआई कार्यालय पहुंच चुके हैं। राजीव कुमार के साथ तीन अन्य आईपीएएस अधिकारी भी शिलॉन्ग पहुंचे हैं। बताया जा रहा है कि एक अज्ञात स्थान पर उनसे पूछताछ की जाएगी। इससे पहले दिल्ली से सीबीआई की टीम भी शिलॉन्ग स्थित CBI ऑफिस पहुंची। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राजीव कुमार को सीबीआई के सामने पेश होने और जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया था। हालांकि शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया था कि उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक सीबीआई के संभावित सवालों को लेकर राजीव कुमार ने पहले ही तैयारी की हुई है। रिपोर्ट में बताया गया था कि कोलकाता पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्टेट क्रिमिनल इन्वेस्टीगेशन डिपार्टमेंट के साथ मिलकर 80-100 ऐसे सवालों की एक लिस्ट तैयार की थी जो सीबीआई के अधिकारी राजीव कुमार से पूछ सकते हैं।

राजीव कुमार पर क्या आरोप है?

सीबीआई ने उच्चतम न्यायालय में आरोप लगाया था कि सारदा चिटफंड घोटाले की एसआईटी जांच के अगुवा रहे कुमार ने इलेक्ट्रोनिक सबूत के साथ छेड़छाड़ की और उन्होंने सीबीआई को जो दस्तावेज सौंपे, उनमें से कुछ में छेड़छाड़ की गई थी। राजीव कुमार 2013-14 के बीच एसआईटी का नेतृत्व किया था। 9 मई 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने चिट फंड मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।

सुप्रीम कोर्ट ने कुमार को तटस्थ स्थान शिलॉन्ग में सीबीआई के सामने पेश होने का निर्देश दिया था। सीबीआई अधिकारी रविवार को कुमार से पूछताछ के लिए उनके घर पर गई थी लेकिन कोलकाता पुलिस ने उनके प्रयास का विरोध किया। उसके बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तीन दिन तक धरना दिया।

जिन प्रमुख बिंदुओं पर राजीव कुमार की जांच की जाएगी

- एसआईटी जांच अधिकारी (जिन्होंने कुमार को सूचना दी) ने लैपटॉप और मोबाइल फोन मुख्य आरोपी सुदीप्तो सेन को क्यों सौंपे थे? यह ऐसे समय में था जब कलकत्ता हाई कोर्ट जांच की निगरानी कर रहा था। उसके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? इस छेड़छाड़ के सबूत बाद में सीबीआई को दिए गए।

- 28 जून 2018 को, कुमार ने आरोपी व्यक्तियों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स, सीडीआर, सीबीआई को सौंप दिए। जब सीबीआई को सर्विस प्रोवाइटर से समान सीडीआर मिले, तो एजेंसी ने पाया कि कुमार ने सीबीआई के सीडीआर में कुछ 'एंट्री' और 'डिलीट' की थीं। सीबीआई उनसे इस विसंगति के बारे में पूछेगी।

- कुमार से पूछा जाएगा कि बार-बार समन जारी किए जाने के बावजूद उन्होंने जांच में शामिल होने से इनकार क्यों किया?

- क्या उनके नेतृत्व वाली SIT ने सभी जब्त किए गए सामानों की एक सूची तैयार की और इसे CBI को सौंप दिया गया?

बता दे, राजीव कुमार बंगाल के 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। इस समय कोलकाता के पुलिस आयुक्त हैं। उन्हें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का करीबी माना जाता है। वो मूल रूप से उत्तर प्रदेश के चंदौसी के रहने वाले हैं। उनके पिता आनंद कुमार चंदौसी के एसएम कॉलेज में प्रोफेसर थे। राजीव कुमार ने इसी कॉलेज से उच्च शिक्षा हासिल की। वो यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं लेकिन फिलहाल कई सालों से बंगाल में पोस्टेड हैं। उनकी पत्नी आईआरएस अफसर हैं। उन्होंने खुद को पीएचडी में नामांकित कर रखा है। वो कॉलम भी लिखते रहे हैं।