गाजीपुर बॉर्डर पर अधेड़ किसान ने शौचालय में लगाई फांसी, सुसाइड नोट में लिखा- 'मामले का हल निकले, इसलिए जान दे रहा हूं'

कृषि बिल वापस लेने को लेकर किसान दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर पिछले एक महीने से ज्यादा समय से आंदोलन कर रहे हैं। किसान और सरकार के बीच सातवें दौर की बातचीत में पूरा समाधान तो नहीं निकला लेकिन विवाद के दो मुद्दों पर सहमति बन गई। किसानों और सरकार के बीच अब 4 जनवरी को अगली बैठक है। उम्मीद की जा रही है कि इस दिन गतिरोध खत्म हो सकता है। इस बीच शनिवार सुबह एक दुखद खबर आई। यहां आंदोलन के बीच एक अधेड़ किसान ने फांसी लगा ली। किसान ने धरनास्थल पर शौचालय में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक किसान की जेब से एक सुसाइड नोट भी मिला है। मृतक किसान पशियापुर के रहने वाला था। अभी और जानकारी नहीं हो सकी है। राकेश टिकैत इस मामले में बेहद गंभीर नजर आए। उन्होंने फिर दोहराया कि जब तक यह कृषि कानून वापस नहीं होंगे, किसानों का आंदोलन यूं ही बदस्तूर जारी रहेगा।

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने किसान द्वारा आत्महत्या किए जाने पर दुख जाहिर किया है। राकेश टिकैत का कहना है, 'किसान इस आंदोलन से भावनात्मक रूप से जुड़ चुका है। सरकार सुन नहीं रही है। यही कारण है कि इस त्तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं। राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार की अगर यही स्थिति रही तो इस सरकार को किसान धरती में मिला देगा।'

आपको बता दे, गाजीपुर बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों के सामने बारिश और ठंड दोहरी मुश्किलें लेकर आई है। दिल्ली में आज सुबह सुबह हल्की बारिश हुई है। इससे दिल्ली-एनसीआर में ठंड बढ़ गई है।