आंदोलन के साथ विपक्ष, कांग्रेस, तृणमूल और TRS का 8 दिसंबर को भारत बंद का समर्थन

नए किसान कानून के विरोध में चल रहे आंदोलन का रविवार को 11वां दिन है। दिल्ली-हरियाणा पर स्थित सिंधु बॉर्डर पर हजारों किसानों की भीड़ पिछले 10 दिनों से 24 घंटे से दिन रात डटी है। किसानों का प्रदर्शन गाजीपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर पर भी जारी है। इसके अलावा बुराडी ग्राउंड पर भी कुछ किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों और सरकार के बीच 5 राउंड की बात हो चुकी है लेकिन अभी तक कोई ठोस हल नहीं निकल सका है। अब किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया है। वहीं, किसानों के भारत बंद को कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (TMC) और तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) का पूरा समर्थन मिलने वाला है। कांग्रेस ने 8 दिसंबर को होने वाले किसानों के भारत बंद के समर्थन का ऐलान किया। पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने बताया कि हम आंदोलन के सपोर्ट में अपनी पार्टी ऑफिस में प्रदर्शन करेंगे। इससे राहुल गांधी के किसानों के प्रति सपोर्ट को मजबूती मिलेगी। वहीं, तेलंगाना के मुख्यमंत्री और तेलंगाना राष्ट्रीय समिति (TRS) के अध्यक्ष के चंद्रशेखर राव ने भी भारत बंद के सपोर्ट की घोषणा की। इससे पहले TMC सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा था कि पार्टी मजबूती के साथ किसानों के साथ खड़ी है और भारत बंद में उनका पूरा समर्थन करेगी।

इसी बीच कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (TMC) और तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) ने 8 दिसंबर को किसानों के भारत बंद को पूरा समर्थन देने का ऐलान किया। दूसरी ओर, नई रणनीति को लेकर किसान संगठनों के बीच सिंघू बॉर्डर पर अहम बैठक चल रही है। इसमें आगे की योजनाओं पर चर्चा हो रही है।

कृषि राज्य मंत्री का विपक्ष पर हमला

इसके बाद कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया। उन्होंने विपक्ष पर किसानों को भड़काने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश के किसानों को नए कानून से फायदा ही होगा, लेकिन कांग्रेस शासित राज्यों की सरकारें उन्हें भड़का रही हैं। राजनीतिक लोग आग में ईंधन डाल रहे हैं।

बता दे, शुक्रवार को किसानों ने कहा कि अगर तीनों कृषि कानून वापस नहीं लिए गए तो 8 दिसंबर को भारत बंद करेंगे। किसानों ने सभी टोल प्लाजा पर कब्जे की भी चेतावनी दी है। शुक्रवार को किसानों की मीटिंग के बाद उनके नेता हरविंदर सिंह लखवाल ने कहा- आने वाले दिनों में दिल्ली की बची हुई सड़कों को भी ब्लॉक करेंगे।