देश में पिछले कुछ समय से ईवीएम को लेकर उठ रहे सवालों के बीच हाल ही में बीजेपी का दामन थामने वाले कीर्ति आजाद (Kirti Azad) ने 'बूथ लूट (Booth Loot)' को लेकर ऐसा बयान दिया है, जिस पर विवाद पैदा हो सकता है। कीर्ति (Kirti Azad) ने अपने संसदीय क्षेत्र दरभंगा में मंगलवार को एक अभिनंदन सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि 'कांग्रेस परिवार के सदस्य बूथ लूटा करते थे नागेंद्र बाबा और डाक्टर साहेब के लिए। इसे आज मानने में कोई गड़बड़ी नहीं है। पिता जी के लिए और 1999 में हमारे लिए भी (बूथ) लूटा था क्योंकि उस समय इवीएम (इलेक्ट्रनिक वोटिंग मशीन EVM) नहीं आयी थी '। कीर्ति आजाद (Kirti Azad) का यह बयान तब आया है, जबकि कई विपक्षी पार्टियां ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए इसके स्थान पर फिर से बैलेट पेपर (मत-पत्र) लाने और उसके जरिये ही मतदान कराए जाने की मांग कर रही हैं। यहां उल्लेखनीय है कि कीर्ति आजाद 2014 में दरभंगा से बीजेपी के टिकट पर निर्वाचित हुए थे, पर बाद में उनके बागी तेवरों के कारण पार्टी ने उन्हें निलंबित कर दिया था। वह लंबे समय से बीजेपी से निलंबित चल रहे थे और कयास लगाए जा रहे थे कि वह कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। अंतत: सोमवार (18 फरवरी) को उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस का दामन थाम लिया।
कीर्ति आज़ाद (Kirti Azad) द्वारा दिए गए इस बयान के बाद बुधवार को भाजपा ने निशाना साधा। भाजपा ने कहा कि अब उनकी पोल खुल रही है। बिहार भाजपा के अध्यक्ष नित्यानंद राय ने इस बयान को लेकर निशाना साधते हुए यहां पत्रकारों से कहा कि "कीर्ति ने स्वीकार किया है कि बूथ कैप्चरिंग कांग्रेस संस्कृति का एक हिस्सा है। भाजपा के साथ रहते हुए कभी भी ऐसी चुनावी परंपराओं का सहारा नहीं लिया गया।"
हालांकि कीर्ति ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा "मेरे कहने का मतलब यह नहीं था कि उनके पिता के लिए बूथ कैप्चर किए गए। जब मैंने बूथ लूट के बारे में बोला था, मैं उस समर्पण की बात कर रहा था जिसके साथ पार्टी कार्यकर्ता मेरे पिता के लिए बूथ प्रबंधन करते थे।"
कीर्ति के उस कथन पर बिहार विधान परिषद में कांग्रेस सदस्य प्रेमचंद मिश्र ने कहा कि उनके कहने का अभिप्राय यह था कि वे कांग्रेस की पृष्ठभूमि के ही हैं और पार्टी कार्यकर्ताओं के समर्थन से ही चुनाव लडे और जीते। उन्होंने कहा कि अपनी पुरानी पार्टी में वापस आने के उत्साह में वे बोल गए। बूथ लूटने का मतलब यह नहीं कि उन्होंने ऐसा किया था। अगर बूथ लूटते तो सत्ता से बाहर नहीं होते। हमेशा चुनाव जीतते। कीर्ति के पिता भागवत झा आजाद इंदिरा गांधी मंत्रिमंडल में सदस्य रहे और 1980 के दशक में उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया था। दो दशक से भाजपा से जुड़े और दरभंगा से दो बार सांसद रहे कीर्ति को दिल्ली एवं जिला क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) में कथित अनियमितताओं के संबंध में केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली पर आरोप लगाने को लेकर 2015 में पार्टी से निलंबित कर दिया गया था।