इस्तीफा देंगे किरोड़ीलाल मीणा, कहा मौनं स्वीकृति लक्षणम्, करते रहेंगे किसानों के लिए काम

दौसा। लोकसभा चुनाव के दौरान किरोड़ी लाल मीणा ने कहा था कि जिन क्षेत्रों में उन्होंने प्रचार किया वहां भाजपा हार गई तो कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने जिन 7 क्षेत्रों में प्रचार किया उनमें से 4 पर भाजपा उम्मीदवारों की हार हो गई। इसके बाद से किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफे पर अटकलें तेज हैं। खुद मीणा ने रविवार को बूंदी में कहा कि उन्होंने जो कहा था उसे करेंगे।

राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने एक बार फिर साफ संकेत दिया है कि वह अपने पद से इस्तीफा देने जा रहे हैं। इस्तीफे से जुड़े सवाल पर पहले तो उन्होंने मुंह पर अंगुली रख ली, फिर अपने अगले कदम की ओर इशारा करते हुए कहा- मौनं स्वीकृति लक्षणम्। मीणा ने कहा कि वह मरते दम तक किसानों के लिए काम करते रहेंगे और इसके लिए सरकार में रहना जरूरी नहीं है।

दौसा में पत्रकारों ने किरोड़ी लाल मीणा से पूछा कि लोकसभा चुनाव के दौरान इस्तीफे को लेकर जो उन्होंने बयान दिया था उस पर अब क्या रुख है? इस पर अपने मुंह पर अंगुली रखते हुए मौन का इशारा किया। क्या साढ़े चार साल तक किसानों को किरोड़ी लाल मीणा का साथ मिलेगा, इस पर उन्होंने कहा, 'सदा, जीवन भर रहा है, जब तक शरीर में प्राण है किसान, गरीब, मजदूर की सेवा करता रहूंगा।'

भाजपा के वरिष्ठ नेता ने एक सवाल के जवाब में कहा, 'जरूरी नहीं कि सरकार में रहकर ही काम किया जाए। मैं सरकार से बाहर था तब 26 लाख बच्चे जो नीट के पेपर में बैठे थे, उनका पेपर निरस्त करा दिया। मैं सरकार में होता तो भी नहीं करा पाता। हर काम सरकार में रहकर नहीं किया जाता है।'

यह पूछे जाने पर कि वह इस्तीफे की बात पर अब मुंह पर अंगुली क्यों रख लेते हैं, मीणा ने कहा, 'संस्कृति में एक कहावत है मौनं स्वीकृति लक्षणम।' माना जा रहा है कि उन्होंने इन तीन शब्दों के जरिए साफ कर दिया है कि वह अपने कहे पर अडिग हैं।
सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल छोड़ चुके किरोड़ी लाल मीणा पिछले कुछ समय से कृषि मंत्रालय के दफ्तर भी नहीं जा रहे हैं।