कोझिकोड। उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने एक पेट्रोल पंप मालिक को एक शिक्षिका को परिसर में शौचालय का उपयोग न करने देने के लिए 1.5 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। यह मामला पथानामथिट्टा के एझाकुलम निवासी सी ए जयकुमारी ने कोझिकोड के पय्योली के थेनानकल में स्थित पेट्रोल पंप के मालिक के खिलाफ दायर किया था।
यह घटना 8 मई, 2024 को हुई, जब शिक्षिका कार से कासरगोड से एझाकुलम स्थित अपने घर लौट रही थी। वह रात करीब 11 बजे ईंधन भरने के लिए पय्योली स्थित पेट्रोल पंप पर रुकी और शौचालय का उपयोग करने के लिए चाबी मांगी। हालांकि, कर्मचारियों ने शौचालय खोलने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि चाबी प्रबंधक के पास है और वह घर चला गया है।
इसके बाद जयकुमारी ने पुलिस को मामले की सूचना दी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शौचालय का दरवाजा तोड़ा। इसके बाद शिक्षिका ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और एफआईआर दर्ज की गई।
आयोग ने कहा कि पेट्रोल पंप चलाने के लिए शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं जरूरी हैं और ऐसी सुविधाओं का अभाव अस्वीकार्य है। इसके आधार पर आयोग ने पेट्रोल पंप मालिक को शिक्षिका को 1.5 लाख रुपये का मुआवजा और 15,000 रुपये का कोर्ट खर्च देने का निर्देश दिया। आयोग के अध्यक्ष बेबेचन वेचुचिरा और सदस्य निषाद थंगप्पन ने यह फैसला सुनाया।