केरल में जानलेवा निपाह वायरस के संक्रमण की वजह से तीन और लोगों की मौत हो गयी है और इसके साथ ही संक्रमण की वजह से मरने वालों की संख्या बढ़कर 17 हो गयी है।
सूत्रों के अनुसार केरल के करासेरी के अखिल (28), पलाझी के मधुसूदनन और नदुवन्नूर के रासिन (25) को तेज बुखार की शिकायत के बाद अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया था जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। उनके रक्त की जांच में निपाह वायरस से ग्रस्त होने की पुष्टि हुई थी।
केरल के कोझिकोड और मल्लापुरम जिले में निपाह वायरस की वजह से पांच मई तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल में निपाह की चपेट में आये 11 अन्य मरीजों को गहन निरीक्षण में रखा गया हैं। राज्य के विभिन्न अस्पतालों में 1353 लोगों के स्वास्थ्य की स्थिति पर नजर रखी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार निपाह के इलाज के लिए प्रभावी दवाइयों को ऑस्ट्रेलिया से मंगाया जा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि निपाह के प्रभावी इलाज के लिए ह्यूमन मोनोक्लोरिन के दो दिनों में आने की संभावना हैं जिसके लिए जरुरी औपचारिकताओं को पूरा कर लिया गया है।
निपाह वायरस एक नया पशुजन्य रोग है जो मनुष्य और पशुओं दोनों के लिए एक खतरनाक बीमारी है। ऐसी आशंका है कि यह पेराम्बरा के एक कुएं (जिसका लंबे समय से इस्तेमाल नहीं किया जा रहा था) से फैला है, जिसमें चमगादड़ों का बसेरा है और उससे कुएं का पानी दूषित हो गया। ऐसा माना जाता है कि इस वायरस का प्राकृतिक वास फल खाने वाले चमगादड़ की प्रजाति प्रेटोपस जीनस में है।