केरल: धर्म के नाम पर प्रचार, भाजपा ने पिनाराई विजयन के खिलाफ चुनाव आयोग को लिखा पत्र

कोच्चि। भाजपा ने भारत के चुनाव आयोग से संपर्क कर केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है, और आरोप लगाया है कि उन्होंने धर्म के नाम पर प्रचार करके आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है। भाजपा के राज्य कार्यकारी सदस्य केके सुरेंद्रन ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा और सोमवार को मलप्पुरम में सीपीआईएम द्वारा आयोजित 'संविधान संरक्षण रैली' में विजयन के भाषण की ओर इशारा किया।

भाजपा नेता ने अपने पत्र में सीएम के भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि कल उन्होंने मलप्पुरम में सीपीआईएम ने संविधान सुरक्षा रैली का आयोजन किया था, जहां उन्होंने धार्मिक भावनाएं भड़काने, दंगे भड़काने और राजनीतिक लाभ लेने की मंशा से भाषण दिया।

केके सुरेंद्रन के अनुसार, विजयन ने कहा था कि मुसलमानों को नागरिक नहीं माना जाता है, मुसलमान अब नागरिकता के लिए आवेदन भी नहीं कर सकते हैं और उनके नागरिक अधिकारों से इनकार किया गया है। ईसीआई को लिखे भाजपा के पत्र में कहा गया है, उनके भाषण का तात्पर्य है कि कोई भी मुस्लिम कानून के आधार पर भारत में नहीं रह सकता।

उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार द्वारा ये कार्यक्रम विशेष रूप से रमजान के दौरान मुस्लिम समुदाय के विश्वासियों के बीच भय और नफरत पैदा करने के इरादे से रखा गया था।

पत्र में आगे कहा गया है कि भाषण ने केरल के लोगों को गुमराह किया क्योंकि उन्होंने कहा कि, केरल सीएए और एनपीआर जैसे कानूनों को लागू नहीं करेगा, इस प्रकार हिंदू-मुस्लिम विभाजन पैदा होगा और उनके बीच नफरत पैदा होगी।

पत्र में आगे आरोप लगाया गया कि पिनाराई विजयन लगातार आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए भाषण दे रहे हैं। पत्र के अंत में कहा गया, हम मांग करते हैं कि मुख्यमंत्री को चुनाव प्रचार करने से प्रतिबंधित किया जाए और तत्काल कानूनी कार्रवाई की जाए।