केरल: LDF सरकार पर भाजपा का हमला, खोया हुआ दशक, पिनाराई विजयन के रिकॉर्ड को बताया नाकाम

तिरुवनंतपुरम। केरल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने एलडीएफ सरकार पर करारा हमला बोला है। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाली सरकार की चौथी वर्षगांठ के मौके पर रविवार को फेसबुक पोस्ट के जरिए उन्होंने राज्य की एलडीएफ सरकार को 'खोया हुआ दशक' करार दिया और विजयन के कार्यकाल को 'नाकाम और निराशाजनक' बताया।

राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि एलडीएफ के दस वर्षों के शासन को भविष्य में खोए हुए दशक के रूप में याद किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार पूरी तरह कर्ज में डूब चुकी है और केवल उधार के सहारे चल रही है। इसका नतीजा यह है कि सरकार के पास आशा कार्यकर्ताओं और अन्य कर्मचारियों को वेतन और पेंशन देने तक के पैसे नहीं हैं।

उन्होंने दावा किया, राज्य में कोई नया निवेश नहीं हो रहा, न ही बुनियादी ढांचे के विकास के लिए धन है। आज केरल में जो भी विकास दिख रहा है, वह पूरी तरह मोदी सरकार की पहल पर आधारित है।

भाजपा नेता ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन पर यह आरोप भी लगाया कि वे राज्य की समस्याओं से ध्यान भटकाने के लिए संघ परिवार और सांप्रदायिकता के काल्पनिक मुद्दों को उठाते रहते हैं, जबकि जनता अब उन्हें मुंहतोड़ जवाब देने को तैयार है।

कांग्रेस ने भी साधा निशाना, उत्सव का बहिष्कार


उधर, कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) ने पहले ही एलडीएफ सरकार के जश्न का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। हालांकि उनके स्थानीय निकाय प्रतिनिधि केवल उन्हीं कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे, जिनसे उनका सीधा जुड़ाव है।

यूडीएफ ने सरकार पर हर मोर्चे पर विफल होने और राज्य को कर्ज के जाल में धकेलने का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि एलडीएफ सरकार को अपनी वर्षगांठ मनाने का नैतिक अधिकार नहीं है।

कांग्रेस ने यह भी दावा किया कि दूसरी बार सत्ता में आने के बाद सरकार ने आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं जैसे कमजोर वर्गों की अनदेखी की और दूसरी ओर 15 करोड़ रुपये खर्च कर सिर्फ मुख्यमंत्री की तस्वीरों वाले होर्डिंग्स लगवाए, जबकि राज्य के मजदूरों और कर्मचारियों की बुनियादी जरूरतें अब भी अधूरी हैं।

विवादों के बीच शुरू हुआ जश्न

गौरतलब है कि पिनाराई विजयन सरकार आज से 23 मई तक एक महीने तक चलने वाले राज्य स्तरीय और जिला स्तरीय कार्यक्रमों के जरिए अपने कार्यकाल की उपलब्धियों का जश्न मना रही है, लेकिन विपक्ष और आलोचकों के तीखे तेवरों के चलते यह उत्सव पहले दिन से ही विवादों में घिर गया है।