कश्मीर में आज से खुल जाएंगे सभी स्कूल, बढ़ाई सुरक्षा

केंद्र सरकार द्वारा 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) से विशेष राज्य का दर्जा देने वाली धारा 370 (Article 370) को हटाने के बाद से राज्य में कर्फ्यू की स्थिति बनी हुई थी। समय बीतने के साथ-साथ अब हालात सामान्य होने लगे है जिसके चलते अधिकतम जगह से पाबंदियों को हटा दिया गया है। वही गांधीजी की जयंती के अवसर पर सभी विपक्षी दलों के नेताओं पर से नजरबंदी हटा दी गई है। इसके बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं ने बैठक की, इसमें आने वाले ब्लॉक डेवलेपमेंट काउंसिल के चुनाव पर चर्चा की। वही इसके साथ 3 अक्टूबर से ही कश्मीर के सभी स्कूल भी खुल रहे हैं, ऐसे में घाटी में सुरक्षा को बढ़ाया गया है।

प्रशासन की तरफ से जिन नेताओं पर से नजरबंदी हटाई गई है उसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस, पैंथर्स पार्टी के नेता शामिल हैं। पूर्व मंत्री और डोगरा स्वाभिमान संगठन पार्टी के अध्यक्ष चौधरी लाल सिंह को भी नजरबंद किया गया था। डोगरा स्वाभिमान संगठन पार्टी के अध्यक्ष चौधरी लाल सिंह के अलावा जिन नेताओं से नजरबंदी हटाई गई है, उसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस के देवेंद्र राणा और एसएस सालाथिया, कांग्रेस रमन भल्ला और पैंथर्स पार्टी के हर्षदेव सिंह के नाम शामिल हैं। लाल सिंह पहले जम्मू के नेता हैं, जिन्हें नजरबंद किया गया था। चौधरी लाल सिंह को जम्मू के गांधीनगर में उनके सरकारी आवास से निकलने की इजाजत नहीं दी गई। सिर्फ जम्मू ही नहीं कश्मीर के भी कई नेताओं को नजरबंद किया गया था। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला समेत अन्य नेता शामिल थे।

हालाकि, प्रशासन की तरफ से भले ही जम्मू के नेताओं को छूट दी गई है। लेकिन घाटी के नेता अभी भी नज़रबंद हैं। इनमें जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, फारुक अब्दुल्ला, सज्जाद लोन जैसे बड़े नाम शामिल हैं।

5 अगस्त को जब अनुच्छेद 370 हटाई गई तो जम्मू और कश्मीर में सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया था। लेकिन कुछ दिनों के बाद जम्मू से धारा 144 समेत अन्य पाबंदियों को हटा दिया गया, वही कश्मीर में धीरे-धीरे पाबंदियों को हटाया जा रहा है। पहले यहां टेलिफोन की पाबंदियों को कम किया गया, फिर अब स्कूल खोल दिए गए है।