जम्मू-कश्मीर : बैन के बावजूद 8 दिनों से कैसे चल रहा था अलगाववादी नेता गिलानी का इंटरनेट, 2 BSNL अधिकारी घेरे में

जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) से अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाए जाने के मद्देनजर सरकार ने एहतियात के तौर पर घाटी में इंटरनेट (Internet) और फोन (Phone) सेवा बंद पर पाबंदी लगा दी थी। इस सुविधा पर 4 अगस्त से रोक लगाई गई थी। लेकिन इंटरनेट और फ़ोन सेवा बंद होने के बावजूद अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी (Syed ALi Shah Geelani) के पास 8 दिनों तक लैंडलाइन और इंटरनेट सेवा चालू थी। सूत्रों के मुताबिक, अधिकारियों को यह भी पता नहीं चल सका कि गिलानी कश्मीर में इंटरनेट एक्सेस कर रहे हैं या नहीं, उन्होंने अपने अकाउंट से ट्वीट किया था। इस बाबत जांच शुरू की गई थी कि गिलानी कैसे इंटरनेट और लैंडलाइन सुविधा पाने में सक्षम थे। जिसके बाद दो बीएसएनएल अधिकारियों पर एक्शन लिया गया है। गिलानी को संचार सेवा पर रोक के बावजूद इंटरनेट एक्सेस देने के मामले में दो बीएसएनएल अधिकारी घेरे में आए हैं। अधिकारियों के लूप होल्स के बारे में पता चलने के बाद से गिलानी की सर्विस बंद कर दी गई थी।

गौरतलब है कि गिलानी अपने अकाउंट से लगातार भारत विरोधी पोस्ट करते रहे हैं। कई यूजर्स तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से गिलानी को पाकिस्तान भेजने तक की मांग कर चुके हैं। पिछले महीने (जुलाई में) उनके प्रवक्ता गुलजार अहमद गुलजार को भी जन सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था।

बता दे, जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में आर्टिकल 370 (Article 370) हटाए जाने के बाद अब हालात धीरे-धीरे सामान्य होने लगे हैं। करीब 14 दिन बाद आज श्रीनगर के 190 प्राइमरी स्कूलों को खोला जाएगा। श्रीनगर के जिन क्षेत्रों में स्कूल खोले जाएंगे उनमें लासजान, सांगरी, पंथचौक, राजबाग, जवाहर नगर, नौगाम, गगरीबाल, धारा, थीड, बाटमालू और शाल्टेंग शामिल हैं। स्कूल-कॉलेज के साथ-साथ घाटी में लैंडलाइन की सुविधा भी शुरू होगी। इससे पहले कुछ हिस्सों में फेज़ वाइज़ ये सुविधा शुरू की जा रही थी, लेकिन अब धीरे-धीरे पूरी सुविधा को आगे बढ़ाया जाएगा। कंसल ने बताया कि 35 पुलिस थाना क्षेत्रों में प्रतिबंधों में ढील दी गई, जबकि 27 टेलीफोन एक्सचेंजों के 50,000 से ज्यादा लैंडलाइन फोन चालू कर दिए गए हैं। जल्द ही कुछ और पाबंदियां हटाई जाएंगी। अनुच्छेद 370 कमजोर होने और केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद से ही कश्मीर में धारा 144 लागू थी।

वहीं, जम्मू-कश्मीर के गृह विभाग की तरफ से सोमवार सुबह एक बयान जारी किया गया है। पुलिस द्वारा बताया गया कि एक अफवाह फैलाई जा रही है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस के हथियार जब्त किए जा रहे हैं, लेकिन ये अफवाह गलत हैं। गृह विभाग की तरफ से अपील की गई है कि इस तरह की किसी खबर पर विश्वास ना करें।