करतारपुर कॉरिडोर : बैठक खत्म, भारत-पाक के बीच 80% मुद्दों पर बनी सहमति

करतारपुर कॉरिडोर (Kartarpur Corridor) को जल्द से जल्द पूरा करने और श्रद्धालुओं की आवाजाही के मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान अधिकारियों के बीच आज (14 जुलाई) अटारी-वाघा बार्डर पर विचार विमर्श किया गया। भारत ने इस दौरान पाकिस्‍तान को डोजियर भी सौंपा। बैठक के बाद पाकिस्‍तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता मोहम्‍मद फैजल ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कहा कि अभी मौसम बदला है, शाखों पर पत्‍ते आने में समय लगेगा। 80 फीसदी मुद्दों पर दोनों देशों में सहमति बन चुकी है। करतारपुर कॉरिडोर के मुद्दे पर एक और बैठक करेंगे। दोनों देशों के बीच इस मुद्दे पर दूसरे दौर की बैठक पाकिस्‍तान की ओर से उसके विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता मोहम्‍मद फैजल की अगुआई में हुई। बैठक से पहले मोहम्‍मद फैजल की ओर से जानकारी दी गई है कि करतारपुर कॉरिडोर का 70 फीसदी काम पूरा कर लिया गया है।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल गृह मंत्रालय के ज्‍वाइंट सेक्रेटरी (आंतरिक सुरक्षा) एससीएल दास की ओर से भी प्रेस कॉन्‍फ्रेंस करके बैठक के संबंध में जानकारी दी गई। इस दौरान कहा गया कि हमारी ओर से रोजाना करतारपुर साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्‍या बढ़ाने की मांग की गई। श्रद्धालुओं को पूरे साल दर्शन की इजाजत मिले। ये सभी मांगें सिख समुदाय की सुझाई गई थीं। भारत में निर्धारित समय तक पुल बन जाएगा। पाकिस्‍तान ने भरोसा दिया है कि करतारपुर कॉरिडोर शुरू होने के बाद वहां भारत-विरोधी कोई गतिविधि नहीं होने दी जाएगी।

गृह मंत्रालय के ज्‍वाइंट सेक्रेटरी (आंतरिक सुरक्षा) एससीएल दास ने जानकारी दी कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी और दिल्‍ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा दिल्‍ली से पाकिस्‍तान स्थित ननकाना साहिब तक नगर कीर्तन आयोजित किए जाने के प्रस्‍ताव पर भी पाकिस्‍तान की ओर से पूर्ण सहयोग दिए जाने पर बातचीत हुई है। रावी नदी पर पुल बनाने की भारत की मांग को पाकिस्तान की ओर से सैद्धांतिक सहमति दे दी गई है। भारत की ओर से कहा गया कि आस्था के आधार पर तीर्थयात्रियों से भेदभाव नहीं होना चाहिए। भारतीय मूल के तीर्थयात्रियों को भी करतारपुर साहिब जाने की इजाजत दी जाए।

पाकिस्‍तान की ओर से यह भी कहा गया है कि करतारपुर कॉरिडोर शुरू करने के लिए पाकिस्‍तान पूरी तरह प्रतिबद्ध है। हम आस्‍था और उम्‍मीद के कॉरिडोर को हकीकत में बदलेंगे। पिछले साल करतारपुर कॉरिडोर को बनाने पर दोनों देशों के बीच सहमति बनी थी। इसे नवंबर में गुरुनानक देव जी के 550वें जन्मोत्सव तक पूरा करने की कोशिश की जा रही है। भारत की ओर से बैठक की अगुआई संयुक्त सचिव एससीएल दास और दीपक मित्तल कर रहे हैं।

इससे पहले अप्रैल में भी भारत सरकार ने खालिस्तान के मुद्दे पर बातचीत को रद्द कर दिया था। पाकिस्तान ने गोपाल सिंह चावला जैसे खालिस्तानी आतंकी को करतारपुर प्रोजेक्ट की कमेटी में शामिल किया गया था। इस बैठक से पहले पाकिस्तान ने खालिस्तान समर्थक आतंकी गोपाल चावला को पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से हटा दिया है। गोपाल सिंह चावला अब करतारपुर कॉरिडोर कमेटी का भी सदस्य नहीं है।

बता दे, बैठक से ठीक पहले पाकिस्तान ने खालिस्तान समर्थक गोपाल सिंह चावला को वहां के सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से हटा दिया। ये कूटनीतिक दबाव का बड़ा असर है। पहले दौर की बातचीत में भारत ने इसे लेकर चिंता जाहिर की थी। गोपाल सिंह चावला करतारपुर कॉरिडोर की वार्ता कमेटी का भी सदस्य था।

चावला के अलावा खालिस्तानी मूवमेंट को हवा देने वाले मनिंदर सिंह, तारा सिंह, बिशन सिंह और कुलजीत सिंह जैसे नाम थे। लेकिन बैठक से ठीक पहले जब पाकिस्तान ने सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की नई लिस्ट जारी की तो उसमें भी खालिस्तानी समर्थकों को तवज्जो दी गई। खालिस्तान समर्थक बिशन सिंह के बदले उसके भाई अमीर सिंह को कमेटी में डाल दिया गया है और वो भी खालिस्तान समर्थक बताया जा रहा है।