करणी सेना के संस्थापक लोकेन्द्र सिंह कालवी का निधन, हार्टअटैक से हुई मौत

करणी सेना के शीर्ष संस्थापक और और समाज सेवी लोकेन्द्र सिंह कालवी का हार्टअटैक से सोमवार देर रात 12:30 बजे एसएमएस अस्पताल में निधन हो गया। डॉक्टरों के अनुसार कालवी का काफी समय से इलाज चल रहा था। जून 2022 में ब्रेन स्ट्रोक आने के बाद उन्हें यहां भर्ती कराया गया था। उसके बाद से ही उनका उपचार चल रहा था।

परिवार से मिली जानकारी के अनुसार लोकेन्द्र सिंह कालवी का अंतिम संस्कार मंगलवार को नागौर जिले के उनके पैतृक गांव कालवी में किया जाएगा। कालवी के निधन की जानकारी मिलने के बाद मानो राजपूत समाज पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। बड़ी संख्या में लोग उनके पैतृक गांव पहुंच रहे हैं।

लोकेन्द्र सिंह कालवी के निधन के बाद करणी सेना के कार्यकर्ता देर रात ही एसएमएस अस्पताल में पहुंचना शुरू हो गए थे। जिसके बाद अलसुबह उनके शव को नागौर जिले के पैतृक गांव कालवी लेकर गए। जहां दोपहर 2:15 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। लेकिन उससे पहले तमाम लोग उन्हें आखिरी श्रद्धांजलि देंगे।

'राजनेता बाद में, राजपूत पहले'

बता दें कि राजस्थान के नागौर जिले के कालवी ग्राम के रहने वाले लोकेंद्र सिंह कालवी कालवी के पिता कल्याण सिंह कालवी राजस्थान और केंद्र सरकार में मंत्री भी रहे। सती आंदोलन में सक्रिय रहे कालवी मानते थे कि वो राजनेता बाद में हैं, राजपूत पहले। लोकेन्द्र सिंह कालवी ने भारत में जाति आधारित आरक्षण का पुरजोर विरोध किया था। इसे लेकर साल 2006 में कालवी ने श्री राजपूत करणी सेना की स्थापना की। कालवी को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का कड़ा विरोधी माना जाता था। उन्होंने राजे के पहले कार्यकाल के दौरान कालवी ने सरकार की नीतियों और योजनाओं के खिलाफ कई प्रदर्शन किए। उन्होंने भारत में जाति आधारित आरक्षण व्यवस्था का विरोध कर नया विवाद को भी जन्म दिया था।

लोकेन्द्र सिंह कालवी ने जगतजननी करणी माता के नाम से सन 2006 में करणी सेना की नींव रखी। सन 2008 में करणी सेना के विरोध के कारण फिल्म जोधा-अकबर राजस्थान में रिलीज नहीं हो पाई थी। यहीं नहीं, करणी सेना ने 2009 में सलमान खान की फिल्म 'वीर' का भी विरोध किया था। सेना का दावा था कि फिल्म के जरिए राजपूतों को गलत तरीके से पेश किया गया है। यहां तक कि करणी सेना ने टीवी पर प्रसारित होने वाले ऐतिहासिक टीवी सीरियल्स का भी विरोध किया था। उन्होंने साल 2018 में संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावत' का भी कड़ा विरोध किया था।