शपथ ग्रहण समारोह : रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, तय समय पर ही शपथ लेंगे येदियुरप्पा

सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस-जेडीएस की भाजपा विधायक दल के नेता बीएस येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण समारोह पर रोक लगाने की मांग को इनकार कर दिया। कांग्रेस की अर्जी पर रात के 1:45 मिनट पर सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई शुरू की। इस बेंच में जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस सीकरी और जस्टिस बोबडे शामिल थे। मामले में केंद्र सरकार की ओर से अडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, बीजेपी की ओर से पूर्व अटर्नी जनरल मुकुल रोहतगी और कांग्रेस की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी कोर्ट में पेश हुए। तीन घंटे से अधिक चली सुनवाई के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि राज्यपाल के फैसले पर रोक नहीं लगाई जा सकती है।

समाचार एजेंसी एएनआई से मिली जानकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस और जेडीएस का याचिका खारिज नहीं की है लेकिन कहा, 'यह याचिका बाद में सुनवाई का विषय है।' इसके साथ ही दोनों पक्षों सहित बीएस येदियुरप्पा को भी एक जवाब दाखिल करने का नोटिस जारी किया है। बीएस येदियुरप्पा आज सुबह नौ बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। कोर्ट ने येदियुरप्पा को शुक्रवार 10:30 बजे विधायकों की लिस्ट सौंपने को कहा है। कोर्ट ने गवर्नर के फैसले पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा कि शपथ ग्रहण पर रोक नहीं लगाई जा सकती है। हालांकि, कोर्ट ने इस बात को माना है कि विश्वास मत साबित करने के लिए दिया गया 15 दिन के समय पर सुनवाई हो सकती है।

कोर्ट द्वारा जब यह कहा गया कि शपथ ग्रहण पर रोक नहीं लग सकती तो कांग्रेस की ओर से बहस कर रहे अभिषेक मनु सिंघवी ने मांग रखी कि शपथ ग्रहण समारोह को 4:30 बजे तक के लिए टाल दिया जाए। हालांकि, कोर्ट ने इस मांग को भी मानने से इनकार कर दिया।

कोर्ट रूम अपडेट्सः


- कांग्रेस की अर्जी पर कोर्ट में आधी रात को तीन घंटे से अधिक सुनवाई चली है।
-सुप्रीम कोर्ट का फैसला- शपथ ग्रहण समारोह रोका नहीं जाएगा, 9 बजे सीएम पद की शपथ लेंगे येदियुरप्पा
- सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई अभी भी जारी है।
- कांग्रेस के वकील सिंघवी शपथ ग्रहण समारोह को टालने पर अड़े हुए हैं।
- येदियुरप्पा का शपथ ग्रहण समारोह रोका नहीं जाएगाः कोर्ट
- राज्यपाल के आदेश पर रोक नहीं लगाई जा सकतीः मुकुल रोहतगी
- केंद्र सरकार और राज्यपाल की ओर से वकील अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने अपनी दलील दे रहे हैं।
- सिंघवी ने कोर्ट से मांग की है कि शपथ ग्रहण समारोह को दो दिन के लिए टाल देना चाहिए। साथ ही इस पूरे मामले को सुप्रीम कोर्ट विस्तार से सुने।
- शपथ ग्रहण समारोह को रोकना येदियुरप्पा को रोकना है, राज्यपाल के आदेश को नहींः सिंघवी
- आज होने वाला शपथ ग्रहण समारोह को रोका जाए, इससे राज्यपाल के आदेश में हस्तक्षेप नहींः सिंघवी
- सिंघवी ने दलील रखी कि अगर सुप्रीम कोर्ट राष्ट्रपति शासन को रोक सकता है तो राज्यपाल के आदेश को क्यों नहीं?

- सिंघवी- ऐसे मामले में कोर्ट मूक दर्शक बना नहीं रह सकता है।
- पूर्व सॉलिसिटर जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि राज्यपाल को पार्टी नहीं बनाया जा सकता है
- सिंघवी- शपथ ग्रहण करवाने के लिए इतनी हड़बड़ी क्यों दिखाई गई?

- ये सरकार की सलाह पर फैसला नहीं था, ये राज्यपाल के विवेकाधिकार का मामला हैः जस्टिस सीकरी
- सुनवाई के दौरान जस्टिस सीकरी ने कहा कि राज्यपाल ने अपने विवेक का इस्तेमाल किया, तो हम ऐसे मामले में दखल कैसे दे सकते हैं?

कोर्ट - हमें यह भी देखना होगा कि भाजपा बहुमत साबित कर पाती है या नहीं।
सिंघवी- जब जेडीएस-कांग्रेस के पास 117 विधायक हैं तो बहुमत साबित करने का मौका क्यों नहीं दिया जा रहा?

- सिंघवी- दिल्ली में आप-कांग्रेस और J-K में BJP-PDP ने भी सरकार बनाई।
- सिंघवी ने उदाहरण दिया कि मेघालय, मणिपुर और गोवा में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी थी तब भी कांग्रेस को बहुमत साबित करने का मौका नहीं मिला। वहां भी गठजोड़ को मौका दिया गया।

- कोर्ट- राज्यपाल के कुछ विशेषाधिकार हैं क्या हम उनकी शक्तियों पर सुनवाई करें?
- सिंघवी- यही तो मैं भी कह रहा हूं।
- कोर्ट आठ विधायकों का टूटना मान्य नहीं है।
- सिंधवी ने राज्यपाल पर आरोप लगाया कि उनके पास बहुमत है लेकिन उन्हें बहुमत साबित करने का मौका नहीं दिया गया।
- सिंघवी- जब तक 8 विधायक उनके साथ नहीं जाते तब तक वह बहुमत कैसे साबित कर सकते हैं? इतने विधायकों का टूटना कानूनन मान्य नहीं है।

- सिंघवी दलील रखी कि राज्यपाल ने बहुमत साबित करने के लिए पहली बार किसी दल को 15 दिन का वक्त दिया, जबकि येदियुरप्पा ने 7 दिन का समय मांगा था।

- कांग्रेस के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में दलील रखी कि जब किसी दल के पास बहुमत नहीं है तो राज्यपाल ने भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा को सरकार बनाने के लिए क्यों आमंत्रित किया है। बीजेपी के पास सिर्फ 104 विधायक हैं। यह पूरी तरह से असंवैधानिक है।

- सिंघवी ने गोवा का हवाला देकर कहा कि हमारे पास 117, बीजेपी के पास केवल 104 विधायक हैं तो फिर वह बहुमत कैसे साबित करेगी?

- सिंघवी- जब किसी दल के पास बहुमत न हो तो राज्यपाल किसे बुलाते हैं?
- जज - बहुमत वाले दल को।

- सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस और जेडीएस की अर्जी पर सुनवाई जारी।
- सुप्रीम कोर्ट में 2: 12 मिनट में सुनवाई शुरू हुई है।

- संसद के बाहर यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पीएम मोदी के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
- कांग्रेस के वकील अभिषेक मनु सिंघवी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे ।
- कोर्ट नंबर 6 में होगी कर्नाटक मामले की सुनवाई होगी।

- जस्टिस भूषण, जस्टिस सीकरी और जस्टिस बोबडे सुनवाई करेंगे।
- पूर्व सॉलिसिटर जनरल मुकुल रोहतगी भी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं।

- सुप्रीम कोर्ट में जज और वकील पहुंच चुके हैं।
- अडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता राज्यपाल का पक्ष रखेंगे।