क्या आप जानते है भारत की आयरन गर्ल को

कर्णम मल्लेश्वरी एक सेवानिवृत्त भारतीय वेटलिफ्टर है। ये भारत की पहली महिला खिलाड़ी है, जिन्होंने ओलंपिक में मैडल जीता था। कर्णम असाधारण प्रतिभा की धनी थी, जिन्होंने मेहनत करके पूरी दुनिया के सामने अपने आपको साबित किया था। सन 2000 के ओलंपिक में ब्रोंज मैडल जीतने वाली कर्णम ने एक इतिहास रच दिया था। मल्लेश्वरी को आंध्रप्रदेश की ‘आयरन गर्ल’ कहा जाता है।

मल्लेश्वरी को विभिन्न क्षेत्रों के लिए भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के, एक खेल परियोजना के तहत प्रशिक्षित किया गया।13 साल की उम्र में कर्णम ने पहली बार स्टेट लेवल पर अपना खेल शुरू किया। 1990 में इनको बहुत से नेशनल कैंप का हिस्सा बनाया गया। 1992 में मल्लेश्वरी ने थाईलैंड के चिंग्मै में आयोजित एशियन चैम्पियनशीप में हिस्सा लिया और इनको यहाँ सिल्वर मैडल मिला।

मल्लेश्वरी अचीवमेंट (Karnam Malleswari Achievements) –

*1998, एशियन गेम्स में 63 किलो क्लास में सिल्वर मैडल जीता।
*1997, एशियन गेम्स में 54 किलो क्लास में सिल्वर मैडल जीता।
*1996 एशियन चैम्पियनशीप, जापान में गोल्ड मैडल जीता।
*1995 वर्ल्ड चैम्पियनशीप, चाइना में गोल्ड मैडल जीता।
*1995 एशियन चैम्पियनशीप, कोरिया 54 किलो क्लास में 3 गोल्ड मैडल जीते।
*1994 वर्ल्ड चैम्पियनशीप, इस्तांबुल में 2 गोल्ड मैडल एवं 1 सिल्वर मैडल जीता।
*1994 एशियन चैम्पियनशीप, कोरिया में 3 गोल्ड मैडल जीते।
*1999 कॉमनवेल्थ वीमेन रिकॉर्ड में 63 kg क्लास में 3 रिकॉर्ड बनाये थे।
*मल्लेश्वरी ने 90-91 वजन वाले शरीर की 52 kg नेशनल चैम्पियनशीप को जीता था।
*मल्लेश्वरी ने 90-98 वजन वाले शरीर की 54 kg नेशनल चैम्पियनशीप को जीता था।

मल्लेश्वरी अवार्ड्स (Karnam Malleswari Awards) –

*1994-95 में मल्लेश्वरी को अर्जुन अवार्ड से नवाजा गया।
*1995-96 में मल्लेश्वरी को खेल के सबसे बड़े सम्मान ‘राजीव गाँधी खेल रत्न’ से सम्मानित किया गया।
*1999 में उन्हें माननीय प्रधानमंत्री द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा था कि मल्लेश्वरी ने इस जीत से देश का नाम बहुत ऊँचा किया, उनकी इस जीत को हमेशा याद किया जायेगा और देश की अन्य लड़कियां उनसे प्रेरणा प्राप्त करेंगी।

मल्लेश्वरी ने अपने 10 सालों के करियर में 11 गोल्ड मैडल, 3 सिल्वर मैडल एवं 1 ओलंपिक ब्रोंज मैडल जीता था। मल्लेश्वरी ने अपनी जीत से सभी आलोचकों के मुहं बंद कर दिए थे, जो लड़कियों को कमजोर समझते है। इनकी जीत से सबको सिखने मिला कि खेल सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं है, इसे अपना करियर बनाकर आप खुद की प्रसिद्धी और देश का गौरव बढ़ा सकते है।