मां के अंतिम संस्कार के कुछ ही घंटों बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचे जस्टिस ओका, आखिरी दिन सुनाएंगे 11 बड़े फैसले

सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस अभय एस. ओका शुक्रवार को रिटायर हो रहे हैं। यह उनका आखिरी कार्यदिवस होगा, लेकिन इससे ठीक पहले उनके जीवन में एक गहरा दुख आया—उनकी मां वसंती ओका का निधन हो गया। हाल ही में एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन द्वारा आयोजित विदाई समारोह में जस्टिस ओका ने कहा था कि वे रिटायरमेंट के बाद अपनी मां के साथ अधिक समय बिताना चाहते हैं, लेकिन अब वह सपना अधूरा रह गया। उन्होंने एक मिसाल कायम करते हुए मां के निधन के कुछ ही घंटों बाद कोर्ट में आकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया।

जस्टिस ओका की मां वसंती ओका को मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। इस दुखद घटना की जानकारी उन्होंने चीफ जस्टिस बी.आर. गवई को दी और तुरंत दिल्ली से मुंबई के लिए रवाना हो गए। अंतिम संस्कार में शामिल होने के बाद वे कुछ ही घंटों में दिल्ली लौट आए। गुरुवार को सुनाए जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण फैसले उन्होंने शुक्रवार के लिए स्थगित कर दिए, और अब वे अपने रिटायरमेंट के दिन भी न्यायिक कार्य करेंगे।

रिटायरमेंट वाले दिन भी सुनाएंगे 11 अहम फैसले

शुक्रवार को अपने अंतिम दिन जस्टिस ओका सुप्रीम कोर्ट में 11 बड़े फैसले सुनाएंगे। 'बार एंड बेंच' की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस ओका ने कहा, ‘‘मैंने कभी रिटायरमेंट के बारे में नहीं सोचा था, इसलिए जनवरी से जितना संभव हो सका, उतनी सुनवाइयों में हिस्सा लिया।’’ उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें ‘रिटायरमेंट’ शब्द पसंद नहीं है और उन्होंने हमेशा पूरी लगन से न्यायिक कार्य किया है।

मां के साथ समय बिताने की ख्वाहिश अधूरी रह गई

विदाई समारोह में जस्टिस ओका ने भावुक होकर कहा था, ‘‘मैंने कई वर्षों तक अपनी मां को पर्याप्त समय नहीं दे पाया। अब रिटायरमेंट के बाद उनके साथ समय बिताने की योजना थी।’’ दुर्भाग्यवश, रिटायरमेंट से ठीक पहले ही उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।

जस्टिस ओका का यह समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा न्यायपालिका के इतिहास में एक प्रेरणादायक अध्याय बनकर रह जाएगा।