हाथ-पैर पर लोहे की रॉड से किया हमला..., छात्रों ने बताया JNU हिंसा में क्या हुआ

दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में रविवार शाम को फीस वृद्धि के खिलाफ स्टूडेंट्स और टीचर्स के प्रदर्शन के दौरान कुछ नकाबपोश लोगों ने हमला कर दिया। इस हमले में कई छात्र और टीचर भी घायल हुए। घायलों को एम्स में भर्ती कराया गया है। लेफ्ट के छात्र संगठन हमले के लिए एबीवीपी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं जबकि एबीवीपी ने भी पलटवार करते हुए हमले के लिए लेफ्ट के संगठन को जिम्मेदार ठहराया है। घटना से संबंधित कई वीडियो वायरल हो रहे है जिसमें हमलावर हाथ में लाठी लिए दिख रहे हैं। अब इस घटना ने राजनीतिक रंग ले लिया है। विपक्षी पार्टियां केंद्र की सत्तारूढ़ बीजेपी पर हमलावर हो गई हैं। वही देर रात को यूनिवर्सिटी कैंपस में क्या हुआ, अब उसकी कहानी सामने आ रही है। जो छात्र घायल हुए हैं वह अपनी आपबीती साझा कर रहे हैं।

- हिंसा को लेकर जेएनयू की छात्र गीता का आरोप था कि बवालियों ने साबरमती के ब्यॉज हॉस्टल के सभी कमरों पर हमला किया लेकिन वहां एबीपीवी के छात्रों के कमरों को छोड़ दिया गया।

- वही एबीवीपी के सदस्य और JNU में PHD के छात्र शिवम चौरसिया का कहना है कि उसपर रोड से हमला किया गया था। उनका कहना है कि डॉक्टरों ने उन्हें टांके लगाए, इसके अलावा गले के पिछले हिस्से पर भी हमला किया गया है। शिवम के मुताबिक, ये सारा बवाल रजिस्ट्रेशन को लेकर हुआ था। टांके लग जाने के बाद शिवम को एम्स से डिस्चार्ज कर दिया गया। शिवम का कहना है कि घटना में ABVP के कई छात्र घायल हुए हैं, लेकिन कुछ का पता नहीं चल रहा है को वो कहां पर हैं।

- एबीवीपी के ही सदस्य मनीष जो कि पीएचडी का छात्र है। उसका कहना है कि हमले में उसके हाथ में फ्रैक्चर हुआ है, रॉड पर हमला होने की वजह से उसका हाथ चोटिल हो गया।

- जेएनयू में M-Phil के छात्र शेषमणि का कहना है कि हमले के दौरान उसके हाथ में फ्रैक्चर हो गया, हाथ में रोड लगाई गई है। शेषमणि का आरोप है कि हमलावरों ने उसके हाथ-पैर पर लोहे की रॉड से हमला किया था।

शेषमणि ने बताया कि जेएनयू में पिछले कुछ दिनों से ये मामला चल रहा था, जहां लेफ्ट समर्थित छात्रों ने क्लास का बॉयकॉट की हुई हैं। सेमेस्टर के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होता है लेकिन लेफ्ट समर्थित छात्र ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं करने दे रहे थे। उन्होंने कहा कि जो रजिस्ट्रेशन करना चाहते थे उसका WiFi कनेक्शन काट दिया गया, जिन्होंने ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना चाहा, तो उनके मारपीट की गई। शेषमणि ने कहा कि इसी दौरान 500-600 लेफ्ट समर्थित छात्रों ने हमला किया, जिसमें जामिया के कुछ छात्र भी शामिल थे। जिन्होंने मुझपर अटैक किया उनको मैं पहचानता हूं एक राजनीति विज्ञान का छात्र है संदीप सिंह और दूसरा उसी का दोस्त है लेकिन वो JNU का छात्र नहीं है।

बता दें कि रविवार शाम करीब 5 बजे के बाद जेएनयू में हिंसा शुरू हुई थी। साबरमती हॉस्टल समेत कई बिल्डिंग में जमकर तोड़फोड़ की गई। इस हमले में कम से कम 30 लोग घायल हुए हैं जिन्‍हें एम्‍स में भर्ती कराया गया है। जेएनयू के स्टूडेंट्स ने बताया कि हमलावरों की तादाद 200 के करीब थी और वे बाहरी थे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक से बात कर जेएनयू की स्थिति का जायजा लिया। सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्री ने दिल्ली पुलिस से पूरे मामले पर रिपोर्ट मांगी है। मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरिया निशंक ने भी हिंसा पर जेएनयू प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है।

इस बीच जेएनयू में छात्रों पर हुए हमले की जांच के लिए दिल्ली पुलिस ने एक स्पेशल टीम गठित की है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने इस जांच के आदेश दिए हैं। दिल्ली पुलिस की जॉइंट कमिश्नर शालिनी सिंह यह जांच करेंगी। दिल्ली पुलिस के सूत्रों की मानें तो जो हमला हुआ है वो कुछ बाहरी लोगों के आ जाने से हुआ था, जिन्होंने अपने चेहरे को ढका हुआ था। सामने आए कुछ वीडियो में महिलाएं भी हाथों में डंडा-लाठी लेकर खड़ी दिख रही हैं। हमलावरों ने हॉस्टल, स्टूडेंट के साथ-साथ फैकल्टी पर भी हमला किया, साथ ही काफी प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाया गया। हिंसा को काबू करने के लिए पुलिस कैंपस में घुसी और फ्लैग मार्च किया।