JNU: शुरुआती जांच में खुलासा, ABVP-लेफ्ट कार्यकर्ताओं ने नकाब पहन कैंपस में मचाई तबाही

दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में रविवार को हुई हिंसा की दिल्ली पुलिस जांच कर रही है। शुरुआती जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि इस हिंसा में अखिल भारतीय विद्या परिषद (ABVP) और लेफ्ट के कार्यकर्ता का हाथ है। इन्हीं नकाबपोशों ने यूनिवर्सिटी कैंपस में तबाही मचाई थी, जिसमें 30 से अधिक लोग घायल हो गए थे। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की जो शुरुआती जांच सामने आई है उसमे साफ पता चला है कि इस हिंसा में दोनों पक्षों का हाथ है। एबीवीपी और लेफ्ट कार्यकर्ताओं ने हिंसा करते वक्त अपने चेहरे को ढक लिया था। इस दौरान बाहरी लोग बुलाए गए, जिन्हें पुलिस ने पहचान लिया है।

क्राइम ब्रांच की तरफ से जो जांच की जा रही है उसमें व्हाट्सएप चैट को भी खंगाला जा रहा है। पुलिस सूत्रों की मानें तो कुछ व्हाट्सएप चैट की पुष्टि हो गई है। इसी चैट के आधार पर लोगों की तलाश की जा रही है, जो चैट में शामिल थे उनको लेकर पुलिस अलर्ट है।

हमलावरों को दी गए कोड वर्ड

बता दें कि व्हाट्सएप चैट के जरिए ही लोगों को कैंपस में इकट्ठा किया गया, जिसके बाद भीड़ इकट्ठा हुई। बाहर से लोगों को बुलाया गया और उन्हें एक कोड वर्ड दिया गया ताकि हमलवार अपने गुट के लोगों की पहचान कर पाएं और उन्हें न पीटें। जो छात्र हमलावरों के सामने दिए गए कोड वर्ड को बोल पाए वो बच गए और जो नहीं बोल पाए उनकी पिटाई होने लगी। शाम के करीब 6:30 बजे लाठी-डंडों से लैस नकाबपोश भीड़ ने हॉस्टल में रह रहे छात्रों पर हमला कर दिया। उस समय कैंपस में अंधेरा था इसलिए कौन राइट विंग का है और कौन लेफ्ट विंग का यह पहचान पाना मुश्किल हो गया था। इसलिए कोड वर्ड के जरिये हमलावरों ने किसे पीटना है और किसे नहीं पीटना है, उसे पहचाना और पिटाई शुरू कर दी।

गौरतलब है कि रविवार को जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में दर्जनों नकाबपोश लोगों ने आकर तोड़फोड़ की थी। इस दौरान छात्रों, फैकल्टी पर हमला किया गया जिसमें 30 से अधिक छात्र घायल भी हो गए थे। इस घटना को चालीस घंटे से अधिक हो गया है, हालांकि दिल्ली पुलिस अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है।

हालांकि, पुलिस की ओर से इस मामले में FIR दर्ज कर ली गई है। इस मामले को क्राइम ब्रांच को सौंपा गया है, जिसके अंतर्गत एक टीम का गठन किया गया है। सीपी शालिनी सिंह की अगुवाई में जेएनयू हिंसा की जांच चल रही है।