झारखंड मॉब लिंचिंग: 11 लोगों को पुलिस ने किया गिरफ्तार, 2 पुलिसकर्मी सस्पेंड

झारखंड के सरायकेला जिले के खरसावां में एक 22 साल के मुस्लिम युवक तबरेज अंसारी के साथ मॉब लिंचिंग की घटना हुई है। चोरी करने के शक में भीड़ ने तबरेज अंसारी को 18 घंटे से ज्यादा पिटाई की। युवक को घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां शनिवार को उसकी मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में करवाई करते हुए अब तक 11 लोगों गिरफ्तार किया है। सोमवार को 10 और एक गिरफ्तारी रविवार हो हुई है। दो पुलिस अधिकारियों चंद्रमोहन ओरांव और बिपिन बिहारी को सस्पेंड कर दिया गया। इस घटना पर देश भर में नाराजगी उभरने के बाद पुलिस ने अपनी खामी स्वीकार की और इसकी जांच के लिए एसआईटी का गठन किया। झारखंड सरकार ने एक बयान में कहा है कि पुलिस अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए इसके बारे में उच्च अधिकारियों को सूचित नहीं किया और घटना के दिन ही भीड़ के हमले का केस दर्ज नहीं किया।

ग्रामीणों के खिलाफ लगी यह धारा

अंसारी की मौत के बाद पुलिस ने ग्रामीणों के खिलाफ आईपीसी धारा 302 (हत्या) और 295 ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य, किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को अपमानित करने के उद्देश्य से) के तहत मामला दर्ज किया है।

18 जून को तबरेज को एक बिजली के खंभे से बंधा कर भीड़ ने जमकर पीटा। उस पर चोरी का आरोप लगाया गया। भीड़ ने उससे जबरदस्ती 'जय श्री राम' और 'जय हनुमान' के नारे लगवाए। सरायकेला खरसावां जिले के धातकीडीह गांव में हुई इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इसमें अंसारी को भीड़ से मारपीट रोकने के लिए निवेदन करते हुए देखा जा रहा है। शनिवार की सुबह युवक ने बीमार होने की शिकायत की। वह कि चोरी के आरोप में न्यायिक हिरासत में था। उसे सदर अस्पताल और फिर टाटा मुख्य अस्पताल, जमशेदपुर ले जाया गया, जहां पहुंचने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया।

तबरेज के खिलाफ दर्ज किया गया था चोरी का मामला

जहां अंसारी को बांध रखा था, वहां पुलिस सुबह 6 बजे के करीब पहुंची। इसके बाद उसे पुलिस चौकी ले जाया गया। अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, उसका बयान सुबह 9:30 बजे दर्ज किया गया, जहां उसने स्वीकार किया कि उसने दो अन्य लोगों के साथ चोरी की घटना को अंजाम दिया था। इसके बाद उसे अदालत में पेश किया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस ने कहा कि तबरेज के खिलाफ आईपीसी की धारा 457 (रात में छिप कर गृह-अतिचार या गृह-भेदन करना), 380 (चोरी), 411 (बेईमानी से चोरी की संपत्ति प्राप्त करना) और अन्य के तहत मामला दर्ज किया गया था।

चाचा मकसूद आलम ने कही यह बात...

अंसारी के चाचा मकसूद आलम ने कहा कि उनके भतीजे का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। आलम ने कहा, 'मान लें कि वह चोरी के लिए पकड़ा गया था, लेकिन उसे बांधकर और घंटों उसकी पिटाई की गई और उसके बाद जय श्री राम का जाप कराना हैरान करने वाला है। उसकी गलती थी कि वह मुसलमान था, अन्यथा वह जीवित होता।'

मुस्लिम था इसलिए पीटा : पत्नी शाहिस्ता

तबरेज की पत्नी शाहिस्ता परवीन ने कहा कि ''उसे नृशंसता पूर्वक पीटा गया क्योंकि वह मुस्लिम था। मेरा कोई नहीं है, ससुराल का भी कोई नहीं। मेरा पति ही मेरा अकेला सहारा था। मैं न्याय चाहती हूं।''

विपक्ष के सवाल

- महबूबा ने लिखा कि 'भाजपा शासित झारखंड में तबरेज़ अंसारी को मौत के घाट उतार दिया गया। हिंदुओं की भीड़ ने उसकी बेरहमी से पिटाई की क्योंकि उसने 'जय श्री राम' का नारा लगाने से इनकार कर दिया था। क्या यह एनडीए 2.0 का न्यू इंडिया है? ये कौन सा तरिका है सबका विश्वास जीतने का?'

- हैदराबाद के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट किया भीड़ के करीब सभी हमलों का यह एक पैटर्न है। सबसे पहले, एक मुस्लिम की हत्या गाय प्रेमियों द्वारा की जाती है। इसके बाद हास्यास्पद बहाने शुरू होते हैं: गोमांस कब्जे में, चोरी, तस्करी और लव जिहाद का 'संदेह'। जब हम केवल 'संदेह' पर मारे जा सकते हैं, तो कैसा सबका विश्वास।

घटना को लेकर राजनीति करना गलत : सीपी सिंह


इस घटना को लेकर झारखंड के मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि भीड़ द्वारा हत्या की घटना को लेकर राजनीति करना गलत है। उन्होंने कहा कि 'ऐसी घटनाओं को भाजपा, आरएसएस, वीएचपी और बजरंग दल के साथ जोड़ दिया जाता है। यह 'कट और पेस्ट' का समय है, कौन इन शब्दों को फिट करता है, कहना मुश्किल है।'