झारखंड में कोरोना का खौफ, मंत्रियों ने दफ्तर जाना छोड़ा, सचिवालय में पसरा सन्नाटा

झारखंड में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 531 नए मरीज मिले और 11 कोरोना मरीजों की मौत भी हुई। पॉजिटिव मरीजों की संख्या 18 हजार 869 हो गई है। कोरोना ने सरकारी दफ्तर से लेकर न्यायालय तक में अपने कदम रख लिए है। हालत ये हैं कि संक्रमित होने के बाद जहां कई मंत्री और विधायक होम क्वारंटाइन होकर सारे कामकाज निपटा रहे हैं, वहीं सचिवालय में सन्नाटा पसरा हुआ है। नगर निगम कार्यालय हो या सचिवालय हर जगह कोरोना का भय लोगों को सता रहा है। एक के बाद एक सरकारी कर्मियों के कोरोना पॉजिटिव होने के कारण सचिवालय में कोरोना टेस्ट हर विभाग में कराया जा रहा है। कार्मिक विभाग के सहायक मुकेश कुमार और सचिवालयकर्मी अजय कुमार साहू की मानें तो कोरोना के कारण कामकाज काफी प्रभावित हुआ है। भय के माहौल में संचिका निष्पादित होता है।

इधर विभागीय मंत्रियों ने अपने कामकाज घर से ही शुरू कर दिये हैं। और बाहरी व्यक्ति के आवास में प्रवेश पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई है। मुख्यमंत्री आवास हो या श्रममंत्री सत्यानंद भोक्ता का आवास या मंत्री मिथिलेश ठाकुर का सरकारी आवास हर जगह का एक सा नजारा है। 15 दिनों बाद कुछ देर के लिए प्रोजेक्ट भवन पहुंचे मंत्री आलमगीर आलम भी मानते हैं कि जनता से किये वादे को पूरा करने में कोरोना बड़ा बाधा बनकर खड़ा है। विकासकार्य बाधित हैं। कोरोना के कहर से पूरा राज्य जूझ रहा है। राज्य मुख्यालय से लेकर जिलों में विभिन्न विभागों के दफ्तर, पुलिस थाने और सैनिकों के कैंप भी संक्रमण की जद में हैं। ऐसे में सारी एहतियाती कदम उठाने के बाबजूद सरकार पसोपेश में है कि आखिर करें तो क्या करें।

राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों में कुल 8 हजार 998 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। इनमें बोकारो के 191, चतरा के 195, देवघर के 348, धनबाद के 552, दुमका के 70, पूर्वी सिंहभूम के 847, गढ़वा के 312, गिरिडीह के 670, गोड्डा के 167, गुमला के 153, हजारीबाग के 508, जामताड़ा के 93, खूंटी के 60, कोडरमा के 406, लातेहार के 240, लोहरदगा के 213, पाकुड़ के 127, पलामू के 351, रामगढ़ के 342, रांची के 1460, साहेबगंज के 115, सरायकेला के 154, सिमडेगा के 487 और पश्चिमी सिंहभूम के 264 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं। बहरहाल, झारखंड में 1 मई से प्रवासियों की घर वापसी के बाद से शुरू हुआ कोरोना संक्रमण की तेज रफ्तार कम होने का नाम ही नहीं ले रहा। अब मिल रहे नए कोरोना मरीजों में अंतर सिर्फ यह आया है कि प्रवासियों के आगमन के बाद जहां अधिक संख्या में प्रवासी संक्रमित मिल रहे थे तो अब यह संक्रमण समाज के हर वर्ग तक पहुंच गया है। नेता, पुलिस, डॉक्टर, चिकित्साकर्मी और पत्रकार के साथ-साथ हर वर्ग के लोग संक्रमित हो रहे हैं।