झारखंड : हेमंत सोरेन के सिर सजेगा ताज, 27 दिसंबर को लेंगे CM पद की शपथ, JMM-कांग्रेस गठबंधन को मिलीं 47 सीटें

झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा में हेमंत सोरेन की अगुवाई वाले गठबंधन ने पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया है और दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे बीजेपी के रघुवर दास को करारी हार का सामना करना पड़ा है। जेएमएम के नेतृत्व वाले महागठबंधन को राज्य में पहली दफा ऐतिहासिक जीत मिली है। जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल) ने चुनाव से पहले ही महागठबंधन का ऐलान किया था और उसी वक्त बतौर सीएम उम्मीदवार हेमंत सोरेन के नाम की घोषणा कर दी थी। वही दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के ताबड़तोड़ साहसिक फैसले और मोदी की छवि के दम पर भारतीय जनता पार्टी दोबारा झारखंड में सरकार बनाने का सपना सजोए थी, लेकिन लाख कोशिश के बावजूद भी मोदी-शाह की जोड़ी झारखंड में कमल नहीं खिला पाई।

झारखंड विधानसभा चुनावों में 81 सीटों में से 47 सीट जीतने के बाद गठबंधन के नेता हेमंत सोरेन अपने मंत्रिमंडल सहयोगियों के साथ 27 दिसंबर को रांची के मोरहाबादी मैदान में शपथ ग्रहण करेंगे। आपको बता दे, सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 में केवल 25 सीटों पर संतोष करना पड़ा है। पिछली बार 2014 में हुए बीजेपी ने 72 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 37 सीटें पर जीत हासिल की थी। वही 30 सीटों पर जीत हासिल कर झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, हालांकि बीजेपी की तरह जेएमएम भी एकल पार्टी के रूप में बहुमत हासिल करने का सपना पूरा नहीं कर सकी। जेएमएम की सहयोगी कांग्रेस पार्टी के खाते में 16 और राष्ट्रीय जनता दल के खाते में 1 सीट आई।

झारखंड में चुनाव आयोग के जारी आकंड़ों के अनुसार झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) को 30 सीटें, बीजेपी को, 25 सीटें, कांग्रेस को 16 सीटें, झारखंड विकास मोर्चा प्रजातांत्रिक को 3 सीटें, आजसु (AJSU) पार्टी को 2 सीटें (2014 में 5 सीटों पर जीत हासिल की थी), कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्ससिस्ट लेनिनिस्ट लिबरेशन) को 1 सीट, निर्दलीय 2 सीट, राष्ट्रीय जनता दल(RJD)को 1 सीट, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) को 1 सीट मिली है।

आपको बता दे, 81 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में सबसे अंतिम परिणाम जमशेदपुर ईस्ट से आया, जिसमें मुख्यमंत्री रघुवर दास चुनाव हार गए। 80 सीटों के परिणाम पहले आ गए, लेकिन इस हाई प्रोफाइल सीट पर चुनाव परिणाम आने में वक्त लगा। रघुवर दास को 15833 मतों के अंतर से हार का मुंह देखना पड़ा।