नई दिल्ली। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। जेल से रिहा होने के बाद यह उनकी पहली मुलाकात थी, जहां उन्होंने लगभग पांच महीने जेल में बिताए थे और फिर से मुख्यमंत्री बनने के बाद।
गौरतलब है कि झारखंड में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनावी मौसम के बीच झारखंड के मुख्यमंत्री का दिल्ली दौरा और प्रधानमंत्री मोदी से उनकी मुलाकात चर्चाओं और सवालों का विषय बनी हुई है।
हालांकि, बैठक की तस्वीर साझा करते हुए सीएम सोरेन ने कहा कि यह प्रधानमंत्री के साथ शिष्टाचार मुलाकात थी।
सोरेन को 28 जून को हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद जेल से रिहा किया गया था। उन्हें 4 जुलाई को फिर से मुख्यमंत्री चुना गया और विधानसभा में विश्वास मत हासिल किया। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के कार्यकारी अध्यक्ष ने कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा 31 जनवरी को गिरफ्तार किए जाने से पहले मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
करीब पांच महीने जेल में बिताने के बाद उन्हें जमानत मिली और 4 जुलाई को वे फिर से मुख्यमंत्री बन गए। उन्हें जमानत देते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने माना है कि प्रथम दृष्टया वे अपराध के दोषी नहीं हैं और इस बात की कोई संभावना नहीं है कि वे जमानत पर रहते हुए कोई अपराध करेंगे।
झारखंड में विधानसभा चुनाव तय समय से दो महीने पहले यानी अक्टूबर में हो सकते हैं। हरियाणा और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव एक ही समय पर होने हैं। इन दोनों राज्यों में चुनाव से पहले मतदाता सूची को अपडेट और संशोधित करने की प्रक्रिया एक ही शेड्यूल के तहत चल रही है, झारखंड में भी इसी शेड्यूल का पालन किया जा रहा है। इस आधार पर संकेत मिल रहे हैं कि झारखंड में भी इन दोनों राज्यों के साथ ही चुनाव होंगे।
भारत निर्वाचन आयोग की एक उच्चस्तरीय टीम ने 10 और 11 जुलाई को झारखंड का दौरा किया। वरिष्ठ उप चुनाव आयुक्त धर्मेंद्र शर्मा और नितेश व्यास ने राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार और सभी 24 जिलों के निर्वाचन पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और मतदाता सूची पुनरीक्षण और मतदान केंद्रों की तैयारियों का जायजा लिया।