जम्मू-कश्मीर : एडवाइजरी के बाद अफवाहों का बाजार गर्म, चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल, पेट्रोल पंपों-ATM में उमड़ी भीड़

जम्मू कश्मीर के गृह सचिव द्वारा शुक्रवार शाम एडवाइजरी जारी कर अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को घाटी छोड़ने की सलाह दी है। जिसके बाद वहां अफवाहों का बाजार गर्म हो गया है। एडवाइजरी के बाद पुंछ, राजोरी, डोटा और किश्तवाड़ा जैसे सक्टरों में अफरा-तफरी का माहौल है। किसी बड़ी घटना की आहट मान रहे स्थानीय लोग रोजमर्रा की जरूरत के सामान के साथ ही राशन की खरीदारी शुरू कर दी गई है। यहां तक की पेट्रोल पंपों पर भी लोगों की लंबी कतार लग गई है।

अमरनाथ यात्रियों पर हमले का इनपुट मिलने के बाद बाबा अमरनाथ के दर्शन करने वाले यात्रियों की संख्या में भारी कमी आई है। शुक्रवार को मात्र 704 यात्रियों ने अमरनाथ के दर्शन किए। इनमें से एक भी यात्री पैदल मार्ग से वहां नहीं पहुंचा, सभी हवाई मार्ग से अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास पहुंचे। रिपोर्ट के मुताबिक बालटाल इलाके से 596 यात्री वहां पहुंचे, जबकि पहलगाम की ओर से 108 यात्री हवाई मार्ग से वहां पहुंचे। इसके अलावा बालटााल और पहलगाम से शुक्रवार को यात्रियों का कोई नया जत्था अमरनाथ के लिए रवाना नहीं हुआ।

पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि श्रीनगर की सड़कों पर अव्यवस्था का माहौल है। लोग एटीएम और पेट्रोल पंपों की और भाग रहे हैं और जरूरी सामान इकट्ठा कर रहे हैं। महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि क्या भारत सरकार सिर्फ यात्रियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है जबकि कश्मीरियों को अपने हाल पर छोड़ दिया गया है।

अफवाहों के चलते लोग अपने घरों में रोजमर्रा का सामान जमा करने लगे हैं। हालात ये हो गए हैं कि कई पट्रोल पंप पर पेट्रोल और डीजल खत्म हो गए हैं। एटीएम के बाहर भी लोगों की लंबी लाइन लगी देखी जा रही है। मेडिकल शॉप पर लोग जरूरत की दवाइयां खरीदते देखे जा रहे हैं।

स्कूल बंद करने की फैली अफवाह

जम्मू-कश्मीर के डिविजनल कमिश्नर बसीर अहमद खान ने कहा कि कर्फ्यू नहीं लगाया गया है और न ही अबतक ऐसा कोई फैसला लिया गया है, उन्होंने कहा कि आज स्कूल बंद नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में शांति बनाए रखने के लिए गृह विभाग ने पुख्ता खुफिया सूचनाओं के आधार पर एडवाइजरी जारी की है।

दरहसल, गृह सचिव द्वारा जारी की गई इस एडवाइजरी के बाद जम्मू-कश्मीर में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला समेत कई विपक्षी नेताओं ने कल रात राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात की है। नेताओं के साथ इस बैठक में राज्यपाल ने कहा कि सुरक्षा के लिहाज से उठाए गए कदम को अन्य मुद्दों से जोड़ने से जम्मू-कश्मीर में भय व्याप्त हुआ है। वही राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने नेताओं को शांत रहने व अफवाहों पर ध्यान न देने की सलाह दी। राज्यपाल ने राजनीतिक नेताओं से अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर भरोसा ना करने की बात कही। मलिक ने कहा साफ तौर से सुरक्षा के लिहाज से उठाए गए कदमों को अन्य मुद्दों से जोड़ा जा रहा है जिसका इससे कोई भी संबंध नहीं है। यही डर की वजह है। उन्होंने नेताओं से अपने समर्थकों से मामलों का घालमेल ना करने, शांति बनाए रखने और अफवाहों पर भरोसा ना करने के लिए कहने का अनुरोध किया।

मुलाकात के बाद राजभवन ने जारी किया बयान

राजभवन से जारी एक बयान के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल ने सरकार द्वारा जारी किए परामर्श समेत दिन में हुए घटनाक्रमों से कश्मीर घाटी में भय की स्थिति पैदा होने के बारे में चिंताएं जताई। सरकार ने अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों से जल्द से जल्द लौटने के लिए कहा है।

क्या लिखा था एडवाइजरी में ?

बड़े आतंकी खतरे को भांपते हुए जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर एक एडवाइजरी जारी की गई थी। इसमें लिखा था, 'आतंकी खतरे, खास तौर पर अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने के खतरे पर खुफिया विभाग के ताजा इनपुट और कश्मीर घाटी के सुरक्षा हालात को ध्यान में रखते हुए अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों के हित में ये सलाह दी जाती है कि वो तुरंत घाटी में अपने ठहराव को छोटा करें और जितना जल्द हो सके वापस लौटने की कोशिश करें।'