जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के पुलवामा (Pulwama Terror Attack) में आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ (CRPF) के अब तक 40 से अधिक जवान शहीद हो चुके हैं। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) ने हमले की जिम्मेदारी ली और इसे आत्मघाती बताया। सभी इस हमले की कड़ी निंदा कर रहे हैं। सीआरपीएफ (CRPF) के काफिले पर हुए आतंकवादी हमले पर प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। पीएम मोदी (PM Modi) ने हमले को कायरतापूर्ण बताते हुए कहा है कि शहीदों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा।
वही टीवी चैनलों पर इसको लेकर आक्रामक तरीके से कवरेज जारी है। अब कवरेज को लेकर मोदी सरकार ने निजी टीवी चैनलों को आगाह किया है। सरकार की तरफ से सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को हुए आतंकवादी हमले की पृष्ठभूमि में सभी टीवी चैनलों से ऐसी सामग्री पेश करने के प्रति आगाह किया है जिससे हिंसा भड़क सकती हो अथवा देश विरोधी रुख को बढ़ावा मिलता हो।मंत्रालय की ओर से जारी परामर्श में कहा गया, ‘‘हालिया आतंकवादी हमले को देखते हुए टीवी चैनलों को सलाह दी जाती है कि वे ऐसी किसी भी ऐसी सामग्री के प्रति सावधान रहें जो हिंसा को भड़का अथवा बढ़ावा दे सकती हैं अथवा जो कानून व्यवस्था को बनाने रखने के खिलाफ जाती हो या देश विरोधी रुख को बढ़ावा देती हो और/अथवा देश की अखंडता को प्रभावित करती हो।''मंत्रालय ने कहा कि सभी निजी चैनलों को इसका कड़ाई से पालन करने का अनुरोध किया जाता है।
उरी के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमलाजम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा (Pulwama Blast) में अवन्तीपुरा के गोरीपुरा इलाके में उस वक्त गुरुवार को हमला हुआ, जब सीआरपीएफ (CRPF) का काफिला गुजर रहा था।सीआरपीएफ काफिले पर हुए हमले में करीब 350 किलो IED (Improvised Explosive Device) का इस्तेमाल हुआ। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) ने हमले की जिम्मेदारी ली और इसे आत्मघाती बताया। रक्षा अधिकारी ने हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई है। उधर, पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) सहित कई राजनेताओं ने हमले की निंदा की है। रिपोर्ट के अनुसार उरी के बाद यह सबसे बड़ा आतंकी हमला है। घायलों का श्रीनगर स्थित सेना के अस्पताल में इलाज चल रहा है। सीआरपीएफ (CRPF) के जवानों को ले जा रही बस को मुख्य रूप से निशाना बनाया गया था। हमले में कई अन्य वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। सेना के एक अधिकारी ने बताया कि सीआरपीएफ जवानों को निशाना बनाकर किए गए आईईडी विस्फोट की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इसे आत्मघाती हमला बताया है। बता दें कि यह हमला श्रीनगर से सिर्फ 20 किलोमीटर की दूरी पर हुआ है। रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। इस बीच पीएम मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सहलाहकार (NSA) अजीत डोभाल से भी बात की।
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने माना- हमसे गलती हुई, पुलवामा आतंकी हमला खुफिया विफलता का परिणामसीआरपीएफ (CRPF) के काफिले पर हुए आतंकी हमले को लेकर जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के राज्यपाल सत्य पाल मलिक (Satya Pal Malik) ने माना है कि पुलवामा आतंकी हमला (Pulwama Terrorist Attack) आंशिक रूप से खुफिया विफलता का परिणाम है, खासकर इस तथ्य के कारण कि सुरक्षा बल विस्फोटकों से लदी स्कॉर्पियो और मूवमेंट का पता नहीं लगा सके। 'इंडियन एक्सप्रेस' से बात करते हुए मलिक ने कहा, 'हम इसे (खुफिया विफलता) स्वीकार नहीं कर सकते। हम हाईवे पर चलते हुए विस्फोटकों से भरे वाहन का पता नहीं लगा पाए या उसकी जांच नहीं कर पाए। हमें स्वीकार करना चाहिए कि हमसे गलती हुई है। उन्होंने स्वीकार किया कि जब सुरक्षा बल स्थानीय आतंकवादियों को खत्म कर रहे थे, जिसमें जैश के लोग भी शामिल थे - उनमें से किसी के बारे में कोई चेतावनी या खुफिया इनपुट नहीं था कि उन्हें 'आत्मघाती हमलावर' बनने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, 'हमें नहीं पता था कि उनके बीच एक फिदायीन था, यह भी खुफिया विफलता का हिस्सा है। मैं यह स्वीकार कर सकता हूं। यह आदमी (आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार) हमारे संदिग्धों की सूची में था। कोई भी उन्हें अपने घरों में आश्रय नहीं दे रहा था। इसलिए वह जंगलों या पहाड़ियों की ओर भाग गया और लुप्त हो गया। हम उसके बारे में जानते थे लेकिन उसका पता नहीं लगा सके। यह सिर्फ एक मौका था और वह दुर्लभ व्यक्ति था जो भाग गया। बाकी लोग मारे जा रहे हैं।'