कश्मीर: इंसानियत से बड़ा कोई मजहब नहीं, मुस्लिम पड़ोसी कंधे पर लाए कश्मीरी पंडित का शव, पढ़े पूरी घटना

इंसानियत से बड़ा कोई मजहब नहीं होता इस बात को एक बार फिर साबित किया जम्मू-कश्मीर की इस घटना ने। दरअसल जम्मू-कश्मीर में ​इन दिनों भारी बर्फबारी हो रही है। बर्फबारी के बीच मुस्लिम पड़ोसी एक कश्मीरी पंडित का शव अपने कंधे पर उठाकर लाए और उसके अंतिम संस्कार में भी शामिल हुए। बुजुर्ग का शव लेकर एंबुलेंस जब गांव आ रही थी तभी भारी बर्फबारी के चलते रास्ते में फंस गई। उस वक्त किसी को भी समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें। ऐसे गमगीन वक्त में कश्मीरी पंडित के पड़ोसी मुस्लिम भाई अपने कंधे पर कश्मीरी पंडित का शव उठाकर ले आए।

बता दें ​कि कुछ दिन पहले तबीयत बिगड़ने के बाद 60 साल के कश्मीर पंडित भास्कर नाथ कोअस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। अस्पताल में इलाज के दौरान बुजुर्ग की मौत हो गई। भास्कर पंडित के शव एंबुलेंस से गांव लाया जा रहा था। लेकिन बर्फबारी के चलते गाड़ी गांव से पांच किलोमीटर पहले रास्ते में ही फंस गई। इस बात की जानकारी जैसे ही मुस्लिम पड़ोसियों को लगी, वे घर से निकले और पैदल ही एंबुलेंस की तरफ चल पड़े। पांच किलोमीटर दूर से उन्होंने शव को अपने कंधे पर उठा लिया और पैदल ही गांव में ले आए। इतना ही नहीं, मुस्लिम समुदाए के लोग भास्कर नाथ के अंतिम संस्कार में भी शामिल हुए।

स्थानीय लोगों का कहना है कि शोपियां में अब कुछ ही कश्मीरी पंडित परिवार रह गए हैं। यहां पर हर कोई एक परिवार की तरह रह रहा है। भास्कर पंडित की मौत से पूरे गांव में दुख का माहौल है।