पुलवामा हमलाः हमले से दो दिन पहले जैश ने ट्विटर पर दी थी धमकी, आतंकी आदिल अहमद डार ने दिया था इस खूनी खेल को अंजाम, सालभर से चल रही थी प्लानिंग

गुरुवार को जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के पुलवामा (Pulwama Terrorist Attack) में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकवादी हमले में अब तक सीआरपीएफ के 40 से ज्यादा जवान शहीद हो चुके हैं। बताया जा रहा है कि इस खूनी खेल को अंजाम देने वाला पुलवामा का ही आदिल अहमद डार (Adil Ahmad Dar) था। जिस कार ने सीआरपीएफ जवानों के बस में टक्कर मार आतंकी हमले को अंजाम दिया, उस कार को जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) का आतंकवादी आदिल अहमद डार (Adil Ahmad Dar) चला रहा था। सूत्रों की माने तो आतंकी संगठन जैश- ए- मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) पुलवामा हमले (Pulwama Terrorist Attack) के लिए पिछले एक साल से तैयारी कर रहा था। यहां तक कि जैश-ए-मोहम्मद ने प्राइवेट ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो जारी किया था, जिसमें आतंकी हमले की संभावना जताई गई थी। इसमें सुरक्षा बलों पर हमले की चेतावनी दी गई थी। आपको बता दें कि पुलवामा हमले के बाद इंटेलीजेंस एजेंसियों पर सवाल उठने लगे हैं। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 से ज्यादा जवान शहीद हुए हैं।

प्राइवेट है अकाउंट

जिस ट्विटर अकाउंट से वीडियो अपलोड किया गया है, वो प्राइवेट है। इसका मतलब ये है कि आम लोग इस अकाउंट को नहीं देख सकते। जम्मू एंड कश्मीर पुलिस के मुताबिक ये वीडियो 33 सेकेंड का है, जिसमें सोमालिया का एक आतंकी ग्रुप बिल्कुल इसी अंदाज में सेना पर हमला करता नजर आ रहा है, जैसा कि पुलवामा में किया गया। इस ट्विटर हैंडल का नाम है '313_get', जिसके आखिर में धमकी भरे अंदाज में बाकायदा कश्मीर का नाम लेते हुए कहा जा रहा है कि 'इंशाअल्लाह, यही कश्मीर में होगा'। धमकी भरा ये वीडियो वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क के जरिए अपलोड किया गया है, ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों को इसकी लोकेशन ढूंढने में दिक्कत पेश आ सकती है। अधिकारियों के मुताबिक अब जम्मू- कश्मीर पुलिस इसी तरह का एक डमी वीडियो तैयार करेगी, ताकि ये पता लगाए जा सके कि किस तरह हमले की प्लानिंग की गई।

आदिल अहमद डार ही था वह आतंकी, जिसने इस खूनी खेल को अंजाम दिया

इस खूनी खेल को अंजाम देने वाला पुलवामा का ही आदिल अहमद डार (Adil Ahmad Dar) था। जिस कार ने सीआरपीएफ जवानों के बस में टक्कर मार आतंकी हमले को अंजाम दिया, उस कार को जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) का आतंकवादी आदिल अहमद डार (Adil Ahmad Dar) चला रहा था। आतंकी आदिल अहमद डार (Adil Ahmad Dar) घाटी का ही रहने वाला था। डार एक साल पहले जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था। आतंकी आदिल अहमद, जिसे 'आदिल अहमद गाड़ी टकराने वाला' और 'गुंडिबाग के वकास कमांडो' के रूप में भी जाना जाता है, वह पिछले साल ही आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद(Jaish-e-Mohammed) में शामिल हुआ था। आदिल काकापोरा का रहने वाला था। पुलिस का कहना है कि आतंकी आदिल (Adil Ahmad Dar) जो कार चला रहा था, उसमें 350 किलो विस्फोटक थे। इसी कार ने जाकर सीआरपीएफ के बस में टक्कर मारी।

पुलवामा हमले के कुछ मिनट बाद ही मैसेजिंग प्लेटफॉर्म्स पर एक युवक की तस्वीर और दो वीडियो सर्कुलेट होने लगे। इन दोनों वीडियो में इस युवक ने पुलवामा हमले की जिम्मेदारी ली। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इनमें से एक वीडियो कश्मीरी और दूसरा उर्दू में था। इस वीडियो में आदिल के 'शहादत' का संदेश था। ऐसा लगता है कि ये दोनों वीडियो हमले से पहले जैश-ए-मोहम्मद ने रिकॉर्ड किए थे।

इस वीडियो में खुद को जैश-ए-मोहम्मद का आतंकवादी होने का दावा करने वाले युवक ने खुद की पहचान पुलवामा के काकापोरा इलाके के गांदीबाघ के आदिल अहमद डार उर्फ वकास कमांडर के रूप में की। पुलिस सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि सीआरपीएफ की बस से विस्फोटकों से भरी स्कॉर्पियो टकराने वाला संदिग्ध आत्मघाती हमलावर आदिल ही था।

पुलिस के सूत्रों ने इस बात की भी पुष्टि की है कि आदिल एक साल पहले जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ। अपने इस वीडियो में आदिल ने कहा है कि यह उसका अंतिम संदेश है। उसने अपने दोस्तों को दहशतगर्दी के रास्ते पर चलने का भी आह्वान किया है।

हमसे गलती हुई, पुलवामा आतंकी हमला खुफिया विफलता का परिणाम

सीआरपीएफ (CRPF) के काफिले पर हुए आतंकी हमले को लेकर जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के राज्यपाल सत्य पाल मलिक (Satya Pal Malik) ने माना है कि पुलवामा आतंकी हमला (Pulwama Terrorist Attack) आंशिक रूप से खुफिया विफलता का परिणाम है, खासकर इस तथ्य के कारण कि सुरक्षा बल विस्फोटकों से लदी स्कॉर्पियो और मूवमेंट का पता नहीं लगा सके। 'इंडियन एक्सप्रेस' से बात करते हुए मलिक ने कहा, 'हम इसे (खुफिया विफलता) स्वीकार नहीं कर सकते। हम हाईवे पर चलते हुए विस्फोटकों से भरे वाहन का पता नहीं लगा पाए या उसकी जांच नहीं कर पाए। हमें स्वीकार करना चाहिए कि हमसे गलती हुई है। उन्होंने स्वीकार किया कि जब सुरक्षा बल स्थानीय आतंकवादियों को खत्म कर रहे थे, जिसमें जैश के लोग भी शामिल थे - उनमें से किसी के बारे में कोई चेतावनी या खुफिया इनपुट नहीं था कि उन्हें 'आत्मघाती हमलावर' बनने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, 'हमें नहीं पता था कि उनके बीच एक फिदायीन था, यह भी खुफिया विफलता का हिस्सा है। मैं यह स्वीकार कर सकता हूं। यह आदमी (आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार) हमारे संदिग्धों की सूची में था। कोई भी उन्हें अपने घरों में आश्रय नहीं दे रहा था। इसलिए वह जंगलों या पहाड़ियों की ओर भाग गया और लुप्त हो गया। हम उसके बारे में जानते थे लेकिन उसका पता नहीं लगा सके। यह सिर्फ एक मौका था और वह दुर्लभ व्यक्ति था जो भाग गया। बाकी लोग मारे जा रहे हैं।'

2001 में हुआ था ऐसा ही हमला

जैश-ए-मोहम्मद ने इसी तरह का हमला 2001 में किया था। ये हमला श्रीनगर स्थित जम्मू एंड कश्मीर विधानसभा परिसर में हुआ था। इस हमले में तीन फिदायीन आतंकियों ने बारूद से भरी टाटा सूमो का इस्तेमाल किया था और इसमें 40 लोगों की मौत हुई थी।