बीमार है मसूद अजहर, भाई अब्दुल रऊफ चला रहा है 'आतंक की फैक्ट्री'

मसूद अजहर (Masood Azhar) को इसी साल संयुक्त राष्ट्र ने ग्लोबल आतंकी घोषित किया है। भारत सरकार ने भी नए यूएपीए कानून के तहत मसूद को आतंकी घोषित किया है। ग्लोबल आतंकी घोषित करने के बाद पाकिस्तान ने मसूद अजहर को गिरफ्तार कर लिया था लेकिन अब खबर आ रही है कि पाकिस्तान में मौजूद जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर गुपचुप तरीके से जेल से निकाल लिया गया है। सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान सरकार ने यह कदम बस आंख में धूल झोंकने के इरादे से ही उठाया था। सूत्रों का कहना है कि सुरक्षा बलों के घेरे के बीच असगर खुले आम घूमता था। एक सूत्र ने बताया, 'जैश के दूसरे प्रमुख संगठनकर्ताओं से वह नियमति तौर पर मिलता था। ऐसे भी संकेत मिले हैं कि आर्टिकल 370 को समाप्त किए जाने के बाद वह ISI के निर्देश पर जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे सकता है। 'हिंदुस्तान टाइम्स' की रिपोर्ट में खुफिया एजेंसी से जुड़े सूत्रों के हवाले से लिखा गया है कि पाकिस्तान भारत में बड़े हमले की तैयारी में है। आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए ही मसूद अजहर को रिहा किया गया है।

वही टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार मसूद अजहर का स्वास्थ्य काफी खराब है। सूत्रों के अनुसार, मसूद अजहर किडनी खराब होने की बीमारी से जूझ रहा है और ज्यादातर वक्त वह अपने क्वॉर्टर में ही आराम करते हुए बिताता है। सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान के बहावलपुर में जैश के अभी दो प्रमुख ठिकाने हैं मरकज उस्मान-ओ-अली और मरकज सुभान अल्लाह। खराब सेहत के कारण मसूद इन दिनों संगठन के काम से दूर है और उसका भाई ही संगठन का काम देख रहा है। मसूद का भाई अब्दुल रऊफ असगर ही इन दिनों उसकी 'आतंक की फैक्ट्री' चला रहा है।

एक सूत्र ने बताया, 'संगठन के रोजमर्रा के कामों के संचालन मसूद अजहर नहीं कर रहा। वह बहुत अधिक बीमार है। बहावलपुर में उसके ठिकाने पर बहुत सख्त सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम किया गया है। उसकी खराब सेहत को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। फरवरी में जैश ठिकानों पर बालाकोट में हुई एयर स्ट्राइक के बाद खास तौर पर सुरक्षा पर जोर दिया जा रहा है।'

मसूद के भड़काऊ भाषणों का अभी भी हो रहा प्रयोग

सूत्रों का कहना है कि अजहर कभी भी ऑपरेशन का संचलान नहीं करता था, लेकिन वह युवाओं को 'जिहादी' बनने के लिए उकसाने का काम जरूर करता था। सूत्रों के अनुसार, 'अपने भड़काऊ भाषणों के जरिए वह युवाओं को संगठन में शामिल होकर निष्ठावान फिदायीन बनने के लिए उकसाता था। अभी युवाओं की भर्ती और ऑपरेशन का जिम्मा उसके भाई पर जरूर है, लेकिन जैश सरगना के रिकॉर्डेड भाषणों का प्रयोग युवाओं को भड़काने के लिए किया जा रहा है। हर शुक्रवार को भी उसके भाषणों को सुनाया जाता है।'

आतंकियों के बीच बहुत लोकप्रिय रहा है मसूद अजहर

मसूद अजहर की लोकप्रियता को देखते हुए भारतीय सुरक्षा एजेंसियां उसे खतरा मानती हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, अजहर ही वह आदमी है जिस पर हमें खास तौर पर नजर रखने की जरूरत है। वह सिर्फ 45 साल का था जब उसे जैश की कमान सौंप दी गई। उसके बारे में कहा जाता है कि वह खुद जैश कैंप का दौरा करता था। बालाकोट में एयर स्ट्राइक से पहले भी उसने कई बार आतंकियों से कैंप में जाकर मुलाकात की थी ताकि उन्हें प्रोत्साहित कर सके।'