जयपुर के अजमेर रोड पर 20 दिसंबर को हुए एलपीजी टैंकर विस्फोट में मरने वालों की संख्या बढ़कर 15 हो गई है, जिसमें एक पूर्व आईएएस अधिकारी भी शामिल हैं। मंगलवार को सवाई मान सिंह (एसएमएस) अस्पताल में इलाज के दौरान एटा (उत्तर प्रदेश) के नरेश बाबू और नूंह (हरियाणा) के यूसुफ ने दम तोड़ दिया। टैंकर चालक जयवीर सिंह, जो मथुरा के निवासी हैं, ने पुलिस को बताया कि 20 दिसंबर की सुबह 5:44 बजे रिंग रोड पर यू-टर्न लेते समय पीछे से एक बड़े वाहन ने टक्कर मारी, जिससे गैस के नोजल टूट गए और गैस लीक होने लगी। उन्होंने तुरंत वाहन से कूदकर अपनी जान बचाई। कुछ ही दूरी पर पहुंचने के बाद टैंकर में आग लग गई, जिससे आग के गोले सड़क पर फैल गए।
जांच और कार्रवाई:पुलिस ने टैंकर के मालिक अनिल कुमार, जो दिल्ली के निवासी हैं, को भी पूछताछ के लिए बुलाया है। साथ ही, रोड इंजीनियरिंग की टीम ने दुर्घटनास्थल पर जाकर सड़क की खामियों की जांच की, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके। एसएमएस अस्पताल के प्लास्टिक सर्जन डॉ. राकेश जैन के अनुसार, वर्तमान में 20 मरीजों का इलाज चल रहा है, जिनमें से 4 गंभीर रूप से घायल मरीज वेंटिलेटर पर हैं। अब तक 5 मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है।
20 दिसंबर को जयपुर-अजमेर हाईवे पर भांकरोटा स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल के पास एलपीजी टैंकर और ट्रक की टक्कर के बाद हुए विस्फोट में 4 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि अन्य ने अस्पताल में दम तोड़ा। गेल इंडिया लिमिटेड के डीजीएम (फायर एंड सेफ्टी) सुशांत कुमार सिंह के अनुसार, टक्कर से टैंकर के 5 नोजल टूट गए थे, जिससे 18 टन गैस लीक हुई और जोरदार धमाका हुआ, जिससे पूरा इलाका आग के गोले में तब्दील हो गया।