लोकसभा चुनाव से पहले जगन मोहन को लगा एक और झटका, श्रीकृष्ण देवरायलु ने दिया सांसदी और पार्टी से इस्तीफा

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 में कुछ महीनों का वक्त बचा है। इस वजह से देश के कई राज्यों में सियासी हलचल काफी तेज है। बिहार से पिछले कई दिनों से खबर आ रही है कि यहां नीतीश कुमार फिर पाला बदल भाजपा का दामन थामने वाले हैं तो दूसरी ओर पंजाब और दिल्ली में लोकसभा सीट बंटवारे को लेकर आप और कांग्रेस के बीच घमासान जारी है। इसी बीच खबर आ रही है आंध्र प्रदेश की सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) को एक और झटका लगा है। नरसरावपेट के एमपी लावु श्री कृष्ण देवरायलु ने मंगलवार को पार्टी के साथ-साथ संसद की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया।

इस्तीफा देने की वजह

श्री कृष्ण देवरायलु ने घोषणा की कि पार्टी में हालिया घटनाक्रम के मद्देनजर उन्होंने वाईएसआरसीपी की प्राथमिक सदस्यता और लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। देवरायलु ने कहा कि वाईएसआरसीपी में अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो गई है और स्पष्ट किया कि वह इसके लिए जिम्मेदार नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी आगामी चुनावों में किसी अन्य नेता को उम्मीदवार बनाने पर विचार कर रही है।

इस पार्टी में हो सकते हैं शामिल

पिछले चुनाव में देवरायलु भारी बहुमत से चुने गए थे, इस्तीफा देने के बाद उन्होंने दावा किया कि उन्होंने निर्वाचन क्षेत्र के विकास के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया। बता दें कि, पिछले 15 दिन में पार्टी छोड़ने की घोषणा करने वाले वह सत्तारूढ़ दल के तीसरे सांसद हैं। खबर है कि देवरायलु कुछ दिनों में तेलुगु देशम पार्टी का दामन थामेंगे। इससे पहले कुरनूल से सांसद संजीव कुमार और मछलीपट्टनम से सांसद वल्लभानेनी बालाशोवरी ने पार्टी छोड़ दी थी।

बालाशोवरी ने पवन कल्याण की जन सेना पार्टी में शामिल होने की घोषणा की है। वाईएसआरसीपी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी द्वारा किए गए बदलाव से संसद और विधानसभा क्षेत्रों तक के के प्रभारियों को बदलने के बाद सत्तारूढ़ पार्टी में इस्तीफों का सिलसिला शुरू हो गया है। आंध्र प्रदेश में विधानसभा और लोकसभा के चुनाव एक साथ अप्रैल-मई में होने की संभावना है। वाईएसआरसीपी ने 2019 में 175 सदस्यीय विधानसभा में 151 सीटें हासिल की थीं और 25 लोकसभा सीटों में से 22 जीती थीं।