
नागपुर। महाराष्ट्र अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष प्यारे जिया खान ने भारत सरकार के उस निर्णय की सराहना की है, जिसके तहत 23 मई से सात संसदीय प्रतिनिधिमंडल विभिन्न देशों का दौरा करेंगे। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति की दिशा में एक सशक्त और दूरदर्शी पहल बताया। खान ने कहा कि “पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय मंच पर बेनकाब करना समय की सबसे बड़ी जरूरत है।”
‘ऑपरेशन सिंदूर’ और पाकिस्तान का असली चेहराप्यारे जिया खान ने भारतीय सेना की हालिया कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का हवाला देते हुए बताया कि इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित नौ आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया गया। उन्होंने कहा, “यह भारत की रक्षा नीति में एक निर्णायक क्षण है। अब समय आ गया है कि हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान का असली चेहरा दिखाएं, जो आतंकवाद को समर्थन देने वाला देश है।”
विदेश दौरे की रणनीति और पाकिस्तान पर कटाक्षभारत द्वारा सात संसदीय प्रतिनिधिमंडलों को अलग-अलग देशों में भेजे जाने को लेकर उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी का यह निर्णय अत्यंत उपयुक्त है। आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक जनमत तैयार करना बहुत जरूरी है। पाकिस्तान केवल नकल करता है, उसकी कोई स्वतंत्र नीति या सोच नहीं है। इसलिए उसके बारे में चर्चा करना भी समय की बर्बादी है।”
गौरतलब है कि भारत सरकार ने भाजपा, कांग्रेस और अन्य दलों के सांसदों को सात समूहों में विभाजित कर विदेश यात्रा पर भेजने का फैसला किया है, जिसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की वास्तविकता उजागर करना है।
अल्पसंख्यक संस्थानों में भ्रष्टाचार पर कार्रवाई की मांगनागपुर में एक स्कूल द्वारा बच्चों को प्रवेश न देने के मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए प्यारे जिया खान ने कहा कि संबंधित स्कूल पर आपराधिक मामला दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने राज्य सरकार की कार्यशैली की सराहना करते हुए कहा, “महाराष्ट्र सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ के सिद्धांत पर कार्य कर रही है। कोई भी संस्था यदि कानून के खिलाफ काम करेगी तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।”
उन्होंने आगे बताया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से पूरे महाराष्ट्र में अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) की मांग की गई है।
“नागपुर में एसआईटी गठित हो चुकी है और जल्द ही यह प्रक्रिया अकोला, अमरावती, खामगांव, नासिक, धुले, मालेगांव, नांदेड़ और लातूर जैसे जिलों में भी शुरू होगी, जहां सबसे अधिक अनियमितताएं सामने आ रही हैं।”