नई दिल्ली। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई है, ईरानी राज्य मीडिया ने पुष्टि की है। रायसी, उनके विदेश मंत्री होसैन अमीराबडोलहियन और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को ले जा रहे हेलीकॉप्टर के दुर्घटनास्थल पर कोई जीवित नहीं बचा पाया गया।
खराब मौसम के बीच पहाड़ी इलाकों में घंटों की खोज के बाद, बचाव दल ने दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर का पता लगाया। एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया, दुर्घटना में राष्ट्रपति रायसी का हेलीकॉप्टर पूरी तरह जल गया।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बातचीत में अधिकारियों ने बताया है, 'राष्ट्रपति रईसी, विदेश मंत्री और हेलीकॉप्टर में सवार सभी अधिकारियों की क्रैश में मौत हो गई है।' रिपोर्ट के अनुसार, ईरान की मेहर न्यूज एजेंसी की तरफ से भी मौत की पुष्टि कर दी गई है। इससे पहले रॉयटर्स को ईरान के एक अधिकारी ने बताया था कि रईसी और अब्दुलहियान को ले जा रहा हेलीकॉप्टर क्रैश होने के बाद बुरी तरह जल गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर दुख जताया है। उन्होंने लिखा, 'ईरान के इस्लामिक गणतंत्र के राष्ट्रपति डॉक्टर सैयद इब्राहिम रईसी के निधन की खबर सुनकर सदमा लगा है। भारत और ईरान के संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके परिवार और ईरान की जनता के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। इस दुख की घड़ी में भारत, ईरान के साथ खड़ा है।'
खबर है कि रईसी समेत अन्य अधिकारी अमेरिका में बने Bell 212 हेलीकॉप्टर में यात्रा कर रहे थे। हाल ही में ईरान के रेड क्रीसेंट के प्रमुख पीर हुसैन कोलिवैंड ने बताया था, 'क्रैश साइट का पता चलने के बाद हेलीकॉप्टर के यात्रियों में से किसी के भी जीवन के संकेत नहीं मिले हैं।' कहा जा रहा है कि घटनास्थल बेहद दुर्गम घाटी में मौजूद है, जहां बचाव दल को पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर काफिले में से एक हेलिकॉप्टर को देश के उत्तर में घने कोहरे के कारण परेशानियों का सामना करने के बाद रविवार को 'हार्ड लैंडिंग' करनी पड़ी। स्थानीय मीडिया के अनुसार राष्ट्रपति रईसी ईरान-अजरबैजान सीमा क्षेत्र से लौटने के बाद देश के उत्तर पश्चिम में तबरीज शहर की ओर जा रहे थे।
सोमवार सुबह ही तुर्की के अधिकारियों ने बताया था कि ड्रोन फुटेज में जंगल में आग जलती हुई नजर आई है। आशंका जताई जा रही थी कि वो पूरी तरह से तबाह हो चुके हेलीकॉप्टर का मलबा था। कहा जा रहा था कि मलबा अजरबैजान-ईरान सीमा से 20 किमी दूर दक्षिण में मिला एक ऊंचे पहाड़ के पास मिला है।
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब रईसी और सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के नेतृत्व में ईरान ने पिछले महीने इजराइल पर एक जबरदस्त ड्रोन और मिसाइल हमला किया था। इसके अलावा ईरान का यूरेनियम संवर्धन भी हथियार बनाने के लिए आवश्यक स्तर के करीब पहुंच गया है। ईरान को खराब अर्थव्यवस्था और महिला अधिकारियों को लेकर उसके शिया धर्मतंत्र के खिलाफ पिछले कुछ वर्षों में व्यापक पैमाने पर प्रदर्शन का सामना भी करना पड़ा है जिससे मद्देनजर इस हादसे के परिणाम तेहरान और देश के भविष्य के लिए कहीं अधिक गंभीर हो सकते हैं।