अमेरिका-ईरान के बीच तनाव के बाद तेहरान के पास यूक्रेन का विमान दुर्घटनाग्रस्त, 180 यात्री थे सवार

अमेरिका और ईरान के बीच जारी तनातनी के बीच ईरान की राजधानी तेहरान स्थित इमाम खुमैनी हवाई अड्डे के पास एक यात्री विमान बोइंग-737 क्रैश हो गया है। यह विमान यूक्रेन का था और इस प्लेन में 180 यात्री सवार बताए जा रहे हैं। इस विमान ने तेहरान से उड़ान भरी थी और कीएफ जा रहा था। कीएफ यूक्रेन की राजधानी है। 7900 फीट की ऊंचाई पर ये विमान क्रैश हो गया। अभी तक मिली रही जानकारी के मुताबिक हादसे की वजह तकनीकी खामी बताई जा रही है। क्या इस विमान हादसे का ईरान और अमेरिका के बीच जारी तनाव से कोई संबंध है, अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।

ISNA के मुताबिक, बताया जा रहा है कि विमान को स्थानीय समयानुसार सुबह 5:15 पर उड़ान भरनी थी। हालांकि, इसे 6:12 पर रवाना किया गया। टेकऑफ के बाद ही बोइंग 737 में तकनीकी खराबी आ गई और इसने डेटा भेजना बंद कर दिया। कुछ देर बाद ही ये क्रैश हो गया। एयरलाइन ने इस मामले में अब तक बयान जारी नहीं किया है।

ईरानी समाचार एजेंसी ने बताया कि तकनीकी खराबी के कारण विमान उड़ान भरने के बाद ही क्रैश हो गया। फिलहाल, राहत और बचाव कार्य शुरू हो गया है।

विमान हादसा से पहले ईरान और अमेरिका के बीच संबंध बेहद तनावपूर्ण हो गए थे। पिछले लंबे समय से दोनों के बीच तनातनी जारी है और दोनों देशों के बीच जंग की आशंका के बीच इराक में अमेरिकी सेना के ठिकानों पर ईरान ने बैलिस्टिक मिसाइल से हमला बोला है। पेंटागन के मुताबिक उसके एयरबेस पर एक दर्जन से ज्यादा मिसाइलें दागी गई हैं। एयरबेस पर अमेरिका के साथ गठबंधन सेनाएं तैनात हैं। पेंटागन का कहना है कि नुकसान का आकलन किया जा रहा है। ये हमले अल असद और इरबिल के दो सैन्य ठिकानों पर हुए हैं। खबरों के मुताबिक इराक स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर दर्जन भर से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गई हैं।

बता दें, अमेरिका और ईरान के बीच तनातनी शुक्रवार को तेज हो गई थी, जब अमेरिका ने बगदाद में ड्रोन हमला कर ईरान के कुद्स कमांडर कासिम सुलेमानी को मार गिराया था। इसके बाद ईरान और अमेरिका के बीच तनातनी शुरू हुई थी। ईरान ने बदला लेने की धमकी दी है, जिस पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कल ही कहा था कि इसके बुरे नतीजे होंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ईरान के 52 ठिकानों को निशाना बनाने की धमकी दी थी। इसके बाद ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने भी 52 के बदले 290 की बात कही थी। रूहानी ने कहा था कि जो लोग 52 की बात कह रहे हैं उन्हें 290 भी याद रखना चाहिए। बता दें कि डॉनल्ड ट्रंप ने ईरान के 52 ठिकानों पर निशाने की बात कही थी जिसके बदले में रूहानी ने उन्हें जुलाई 1988 की घटना याद दिलाई जब यूएस वॉरशिप ने ईरानी यात्री विमान पर हमला किया था जिसमें 290 लोगों की जानें गई थीं।