ट्रंप का दावा - भारत के खिलाफ आतंकी साजिश में भी शामिल था सुलेमानी

अमेरिका ने ईरान के ताकतवर फौजी जनरल कासिम सुलेमानी को मार दिया है। अमेरिका ने ईरानी जनरल पर ड्रोन के जरिए हमला किया। ईरान के कुद्स फोर्स के प्रमुख मेजर जनरल कासिम सुलेमानी (General Qasem Soleimani) की हत्या के बाद से ईरान ने अमेरिका को खुली चेतावनी दी है. ईरान के कहा कि वो जनरल सुलेमानी की मौत का बदला जरूर लेगा। कासिम सुलेमानी की हमले में मौत से भड़के ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला सैय्यद अली खुमैनी ने बदला लेने का संकल्प लिया है। तेहरान स्थित प्रेस टीवी के मुताबिक खुमैनी ने कहा कि धरती के सबसे क्रूर लोगों ने सम्मानीय कमांडर की हत्या की, जिन्होंने दुनिया की बुराइयों और डकैतों के खिलाफ साहसपूर्वक लड़ाई लड़ी। खोमैने कहा कि उनके निधन से उनका मिशन नहीं रुकेगा लेकिन जिन अपराधियों ने गुरुवार रात जनरल सुलेमानी और अन्य शहीदों के खून से अपने हाथ रंगे हैं, उन्हें जरूर एक जबरदस्त बदले का अंजाम भुगतने का इंतजार करना चाहिए। खोमैनी ने कहा कि जारी लड़ाई और अंतिम जीत की उपलब्धि हत्यारों और अपराधियों की जिंदगी को और दुश्वर बना देगी।

उधर, अमेरिकी राष्‍ट्रपति डॉनल्‍ड ट्रंप ने कहा है कि उनका देश ईरान के साथ युद्ध शुरू नहीं करना चाहता है लेकिन अगर इस्‍लामिक देश ने कोई जवाबी कार्रवाई की तो अमेरिका इससे निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि कासिम सुलेमानी का 'खात्मा' इसलिए किया गया क्योंकि वो अमेरिकी डिप्लोमैट्स पर हमला करने ही वाला था। इसके साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा करते हुए कहा कि सुलेमानी भारत के खिलाफ आतंकी हमले की साजिश में शामिल था। ट्रंप ने कहा, सुलेमानी का खात्मा युद्ध शुरू करने के लिए नहीं बल्कि युद्ध खत्म करने के लिए किया गया है।

सुलेमानी 1998 से ही ईरान के कुद्स फोर्स का नेतृत्व कर रहे थे। इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर (आईआरजीसी) की यह खास यूनिट विदेशों में गुप्त अभियान चलाती है और यह सीधे देश के सर्वोच्च नेता खोमैनी को रिपोर्ट करती है। मंगलवार रात बगदाद में अमेरिकी दूतावास पर सैकड़ों प्रदर्शनकारियों की ओर से किए गए हमले के बाद वाशिंगटन और तेहरान के बीच बढ़े तनाव के बीच शुक्रवार को सुलेमानी को मार दिया गया।