भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक संघ ने लिया बड़ा फैसला, छीना मेजबानी का अधिकार

पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच आई कडवाहट का असर दोनों देशों के राजनीतिक संबंधों के साथ-साथ खेल संबंधों पर भी दिखने लगा है। इसका खामियाजा भारत को भी उठाना पड़ रहा है। नई दिल्ली में आयोजित हो रहे निशानेबाजी विश्वकप में भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान के तीन निशानेबाजों को वीजा देने से इंकार किए जाने के बाद विश्वकप से टोक्यो ओलंपिक के लिए होने वाले 16 कोटा स्थान को घटाकर 14 कर दिया गया है। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक संघ ने कड़ा कदम उठाते हुए भविष्य में आयोजित होने वाले किसी भी ओलिंपिक इवेंट के साथ-साथ खेल प्रतियोगिताओं की मेजबानी से भी भारत को अलग कर दिया है।

आईओसी ने भारत की तरफ से मिले लिखित आश्वासन के बाद वर्ल्ड कप की मेजबानी दी है। आईओसी की महत्वपूर्ण बैठक में हुई चर्चा के बाद यह फैसला लिया गया है। 16 में से उन दो कोटा स्थान को कम कर दिया गया है जिस स्पर्धाओं में पाकिस्तानी खिलाड़ियों को शामिल होना था। तीन सदस्यीय पाकिस्तानी दल 25 मीटर रैपिड फायर इवेंट में भाग लेने आ रहा था।

आईओसी ने बैठक के बाद जारी बयान में कहा, 'भारतीय एनओसी, आईओसी और आईएसएसएफ के आखिरी वक्त तक किए प्रयासों के बाद भी पाक टीम के प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए कोई रास्ता नहीं निकल सका। यह स्थिति किसी भी तरह के भेदभाव नहीं करने के आईओसी के मूल चार्टर के खिलाफ है। आईओसी की प्रतिबद्धता है कि मेजबान देश में आयोजित हो रही प्रतियोगिता में प्रतिभागी खिलाड़ियों को किसी राजनीतिक हस्तक्षेप के बगैर निष्पक्ष और समानता के माहौल में प्रतियोगिता में भाग लेने का मौका मिले।'

इसी दौरान भारत को भविष्य में खेलों की मेजबानी से दूर रखने के फैसले के बारे में भी जानकारी दी गई। आईओसी के अनुसार, 'मौजूदा घटनाक्रम के परिणाम के तहत आईओसी एग्जिक्यूटिव बोर्ड ने यह फैसला किया है कि भारतीय एनओसी और सरकार के साथ भविष्य में किसी भी खेल प्रतियोगिता और ओलिंपिक से संबंधित प्रतियोगिताओं के आयोजन को लेकर सभी चर्चाएं पूरी तरह से स्थगित की जाती हैं।'

आपको बता दें ये खबर भारत के लिए बड़े झटके की तरह है क्योंकि भारतीय ओलंपिक संघ ने 2026 यूथ ओलंपिक्स, 2030 एशियन गेम्स और 2032 ओलंपिक्स को भारत में आयोजित करने का रोडमैप तैयार कर रही थी।