PM मोदी ने जारी किया ₹ 20 का सिक्का, ऐसे में जानिए- भारतीय सिक्कों का पूरा इतिहास

प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को 20 रुपये का सिक्‍का जारी किया। यह सिक्का 10 रुपये का सिक्का जारी होने के ठीक 10 साल बाद जारी किया गया। 20 रुपये के सिक्के का आकार 27 एमएम होगा। सिक्के के आगे वाले भाग पर अशोक स्तम्भ का सिंह होगा, जिसके नीचे 'सत्यमेव जयते' लिखा होगा। सिक्के में बायीं ओर हिंदी में 'भारत' और दायीं ओर अंग्रेजी में 'INDIA' शब्द लिखा होगा। सिक्के की आउटर रिंग 65 फीसदी कॉपर, 15 फीसदी जिंक और 20 फीसदी निकल होगा जबकि अंinteresting-factsदर की डिस्क में 75 फीसदी कॉपर, 20 फीसदी जिंक और 5 फीसदी निकल होगा। सिक्के के अगले भाग पर अंतरराष्ट्रीय अंकों में अंकित मुल्य 20 होगा। सिक्के पर रुपये का प्रतीक भी बना होगा। देश की कृषि प्रधानता को दिखाने वाले अनाज का भी डिजाइन इस पर बनाया जाएगा। सिक्के पर हिंदी और अंग्रेजी में बीस रुपये लिखा होगा।

ऐसे में आइए आज हम सिक्कों के चलन और बंद होने के बारे में कुछ दिलचस्प बातें बताते है

भारत के गणतंत्र बनने तक देश में ब्रिटिश सिक्के का चलन था। भारतीय गणराज्य में पहला सिक्का 1950 में बना। तब से ही नए सिक्कों का उत्पादन किया जाता रहा है और वे भारतीय मुद्रा प्रणाली का एक महत्वपूर्ण पहलू हैं। आज 1, 2, 5, और 10 रुपये के सिक्कों को बनाया जाता है और जल्द इस लिस्ट में 20 का सिक्का भी शामिल हो जायेगा। इन सिक्कों का उत्पादन भारत में कोलकाता, मुंबई, हैदराबाद और नोएडा में स्थित चार टकसालों में किया जाता है। पहले भारत में 'आना' सिस्टम चला जिसमें 1 आना, 2 आना, 1/2 आना के सिक्के चलते थे। रुपये की सबसे छोटी वैल्यू का सिक्का आधा पैसा को 1947 में आधिकारिक तौर पर बंद कर दिया गया। 'आना' सीरीज को प्री-डेसिमल कॉइनेज के नाम से भी जाना जाता है। 1957 और 1964 के बीच के सिक्कों को "नया पैसा'' कहा गया। इसके बाद 1 पैसा, 2 पैसा, 3 पैसा, 5 पैसा, 10 पैसा, 20 पैसा और 25 पैसा, 50 पैसा के सिक्के जारी किए जो देश में लंबे समय तक चलन में रहे।

नया पैसा शब्द को 1964 में हटा दिया गया था और एक नया मूल्यवर्ग 3 पैसे प्रचलन में लाया गया था। हालांकि 1, 2 और 3 पैसे के सिक्कों को 1970 के दशक में धीरे-धीरे खत्म किया गया। साल 1962 से 1 रुपये का सिक्का चलन आज तक होता है। इसके बाद 1982 में 2 रुपए के नोट को बदलने के लिए प्रायोगिक तौर पर एक नया 2 रुपए का सिक्का पेश किया गया था। 2 रुपए के सिक्के का फिर से 1990 तक खनन नहीं किया गया था, जिसके बाद हर साल इसका खनन किया गया।

आइए जानते हैं कब कौन सा सिक्का आया चलन में और फिर कब हुआ बंद

2 पैसा- 1957 में बना और 2011 में बंद हो गया।

3 पैसा-1964 में बना और 2011 में बंद कर दिया गया।

5 पैसा-1957 में बना और 2011 में बंद कर दिया गया।

10 पैसा-भी 1957 में बना और 2011 में बंद कर दिया गया

25 पैसा-1957 में बनना शुरू हुआ और 2011 में इसे बंद कर दिया गया

50 पैसा- 1957 मे अब तक इस्तेमाल में है

1 रुपया- 1962 से अब तक इस्तेमाल में है

2 रुपया-1982 से अब तक इस्तेमाल में है

5 रुपया 1992 से अब तक इस्तेमाल में है

10 रुपया 2009 से अब तक इस्तेमाल में है


पहले इंडियन इकॉनमी में 1 आने की वैल्यू 6 पैसे हुआ करती थी। सन् 1950 के बाद जब 25 पैसे को लांच किया गया। तब से इसे चार आने कहा जाने लगा। शुरुआत में 25 पैसे में 1/4 लिखा होता था। पब्लिक अवेयरनेस के लिए इन सिक्कों पर अलग-अलग मैसेज देते श्लोगन्स भी लिखे गए।

बता दे, पीएम मोदी ने इसके अलावा 1 रुपये, 2 रुपये, 5 रुपये और 10 रुपये का नया सिक्‍का भी जारी किया। ये सिक्‍के दिव्‍यांगों के लिए खास है। इन सिक्‍कों को वे आसानी से पहचान सकते हैं। 10 साल पहले मार्च 2009 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 10 रुपये का सिक्का जारी किया था। तब से 13 बार सिक्कों की डिजाइन बदली है, जिससे जनता के बीच अक्सर भ्रम फैलता है। जनता की शिकायत रहती है कि कुछ दुकानदार कभी-कभी 10 रुपये के सिक्के को जाली समझकर लेने से इन्कार कर देते हैं।