ईरान के चंगुल से छूटी चालक दल में शामिल भारतीय महिला, कोचीन पहुँची, विदेश मंत्री ने कहा, यह मोदी की गारंटी...

नई दिल्ली। ईरान द्वारा जब्त किए गए इजरायल से संबंध रखने वाले मालवाहक जहाज के चालक दल के 17 भारतीय सदस्यों में से एकमात्र महिला को गुरुवार को रिहा कर दिया गया। विदेश मंत्रालय ने ये जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मालवाहक जहाज एमएससी एरीज पर सवार भारतीय चालक दल में शामिल केरल के त्रिशूर की रहने वाली महिला कैडेट ऐन टेस्सा जोसफ कोचीन पहुंच चुकी हैं। इसके अलावा, ईरान में भारतीय दूतावास बाकी 16 भारतीय कर्मियों के साथ संपर्क में है। इस पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक एक्स पोस्ट में कहा, मोदी की गारंटी हमेशा देश या विदेश में डिलीवर करती है।

केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया है कि तेहरान में भारतीय मिशन कंटेनर जहाज के बाकी 16 भारतीय क्रू सदस्यों के साथ संपर्क में है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत लौटी क्रू सदस्य स्वस्थ्य और भारत में अपने परिवार के सदस्यों के संपर्क में हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि भारतीय दूतावास ने ईरानी अधिकारियों के समर्थन से जोसेफ की भारत वापसी सुनिश्चित की है। उन्होंने कहा कि दूतावास शेष 16 भारतीय चालक दल के सदस्यों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए ईरानी पक्ष के संपर्क में है। जयसवाल ने क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी द्वारा कोचीन हवाई अड्डे पर जोसेफ का स्वागत करते हुए एक तस्वीर पोस्ट की।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि तेहरान में भारतीय मिशन एमएससी एरीज के चालक दल के बाकी सदस्यों की कुशलता के लिए ईरान के अधिकारियों के साथ संपर्क में है। गौरतलब है कि खाड़ी क्षेत्र में ईरान द्वारा जब्त किए गए इजरायल से जुड़े मालवाहक जहाज पर सवार 17 भारतीयों में केरल की एक महिला भी शामिल थी।

ईरान ने 13 अप्रैल को इजरायल से जुड़े शिप पर कब्जा कर लिया था। इस शिप पर ईरान रिवॉल्यूशनरी गार्ड के कमांडो ने हेलिकॉप्टर से रेड की थी और शिप को ईरान ले गए थे। इस शिप का संचालन किसी इजरायली बिजनेसमैन के हाथों है। ईरान को संदेह था कि शिप पर लोड कंटेनर में इजरायल को विदेशी मदद भेजी जा सकती है। यही वजह है कि उन्होंने शिप को कब्जे में लिया था।

ईरान ने जिस शिप पर कब्जा किया था, उस पर कुल 25 क्रू मेंबर सवार थे, जिसमें भारतीय समेत कुछ अन्य देशों के क्रू सदस्य शामिल थे। ईरान ने शिप को होर्मुज स्ट्रेट से गुजरने के दौरान कब्जा लिया था, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चार दिन पहले इस मामले पर ईरान के विदेश मंत्री अमीर अब्दुल्लाहियन से बात की थी।