19 मार्च को देश भर में व्यापारी जलाएंगे चीनी वस्तुओं की होली

जैश सरगना मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर चौथी बार चीन ने अडंगा लगा दिया है। वीटो का इस्तेमाल करते हुए चीन ने पाकिस्तान के लाडले मसूद को बचा लिया। चीन ने ऐसा चौथी बार किया है। चीन के इस फैसले के बाद भारत में चीन के प्रति गहरा रोष और आक्रोश पनप रहा है और अब पाकिस्तान के साथ साथ चीन को भी देशवासी देश की सुरक्षा का दुश्मन मान रहे हैं। इस आक्रोश और रोष को आवाज देने के लिए कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने 7 करोड़ व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले देश भर में फैले 40 हजार से ज्यादा व्यापारिक संगठन से चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का आह्वान किया है।

कैट ने होली के मौके पर आगामी 19 मार्च को देश भर में चीनी वस्तुओं की होली जलाने की भी घोषणा की है। राजधानी दिल्ली में यह कार्यक्रम चीनी वस्तुओं के गढ़ सदर बाजार में होगा। वहीं, देश भर में लगभग 1500 स्थानों पर व्यापारिक संगठनों द्वारा यह होली जलाई जाएगी।

कैट ने सरकार से मांग की है कि प्राथम चरण में चीन से आयात होने वाली वस्तुओं पर 300 से 500 प्रतिशत कस्टम ड्यूटी लगाई जाए और चीन से होने वाले आयात पर कड़ी नजर रखी जाए, क्योंकि इसमें बड़ी मात्रा में हवाला के लेन-देन का अंदेशा है। कैट ने सरकार से यह भी मांग की है कि चीनी वस्तुओं और कच्चे माल पर निर्भरता कम करने के लिए सरकार घरेलु लघु उद्योगों को एक स्पेशल पैकेज दे।

कैट के मुताबिक चीन से जो आयात होता है वो बड़ी मात्रा में वो साधारण से वस्तुएं हैं जो आम उपयोग में लाई जाती हैं। जो सम्मान चीन से आता है वो अच्छी क्वालिटी का है या नहीं इसको देखने वाला कोई नहीं है। यदि चीन की वस्तुओं की क्वालिटी को परखा जाए तो हमारे स्वदेशी उत्पाद कहीं बेहतर साबित होंगे और हमें चीन से आयात की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।

कौन है आतंक का आका मसूद अजहर?


गौरतलब है कि भारत लंबे समय से सुरक्षा परिषद का ध्यान इस ओर आकर्षित कर रहा है कि जैश पर संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिबंध लगाया है, लेकिन उससे संस्थापक को बैन नहीं किया जा रहा। अजहर पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के बहावलपुर में कौसर कालोनी में रहता है। जनवरी 2016 में पंजाब के पठानकोट में भारतीय वायु सेना के बेस पर जैश के हमले के बाद भारत ने संयुक्त राष्ट्र की ओर से अजहर पर प्रतिबंध लगाने को लेकर अपनी कोशिशें तेज कर दी थीं। इसमें भारत को अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस का भी समर्थन मिला था, लेकिन चीन ने इसका विरोध किया था। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले का जिम्मेदार भी अजहर का आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ही था। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।