Jawaharlal Nehru Death Anniversary: देश के पहले PM जवाहरलाल नेहरूकी पुण्यतिथि पर जानिए उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें...

भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) की आज 55वीं पुण्यतिथि है। पंडित जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद में हुआ था। उनके पिता का नाम मोतीलाल नेहरू और माता का नाम स्वरूपरानी था। जवाहरलाल नेहरू कश्मीरी पंडित समुदाय से थे, इसलिए उन्हें पंडित नेहरू (Pandit Nehru) बुलाया जाता था। नेहरू को बच्चों से बहुत प्यार था। बच्चे उन्हें चाचा नेहरू (Chacha Nehru) कहकर बुलाते थे। आजादी की लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभाने के साथ भारत के नव निर्माण, लोकतंत्र को मजबूत बनाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान है। जवाहरलाल नेहरू की 27 मई 1964 को दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई थी। जवाहरलाल नेहरू 1912 में भारत लौटे और वकालत शुरू की। 1916 में उनकी शादी कमला नेहरू से हुई। 1917 में जवाहर लाल नेहरू होम रुल लीग‎ में शामिल हो गए। राजनीति में उनकी असली दीक्षा दो साल बाद 1919 में हुई जब वे महात्मा गांधी के संपर्क में आए। उस समय महात्मा गांधी ने रॉलेट अधिनियम के खिलाफ एक अभियान शुरू किया था। नेहरू, महात्मा गांधी के सक्रिय लेकिन शांतिपूर्ण, सविनय अवज्ञा आंदोलन के प्रति खासे आकर्षित हुए। नेहरू ने महात्मा गांधी के उपदेशों के अनुसार अपने परिवार को भी ढाल लिया। जवाहरलाल और मोतीलाल नेहरू ने पश्चिमी कपडों और महंगी संपत्ति का त्याग कर दिया। वे जवाहर लाल नेहरू ने 1920-1922 में असहयोग आंदोलन में सक्रिय हिस्सा लिया और इस दौरान पहली बार गिरफ्तार किए गए। कुछ महीनों के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। 1942 के 'भारत छोड़ो' आंदोलन में नेहरूजी (Jawaharlal Nehru) 9 अगस्त 1942 को बंबई में गिरफ्तार हुए और अहमदनगर जेल में रहे, जहां से 15 जून 1945 को रिहा किए गए। जवाहरलाल नेहरू ने आधुनिक भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। उन्होंने योजना आयोग का गठन किया, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास को प्रोत्साहित किया और तीन लगातार पंचवर्षीय योजनाओं का शुभारंभ किया। उनकी नीतियों के कारण देश में कृषि और उद्योग का एक नया युग शुरु हुआ। नेहरू ने भारत की विदेश नीति के विकास में एक प्रमुख भूमिका निभायी। साल 1947 में देश की आजादी के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री बने। नेहरू 1947 से 27 मई 1964 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। आइये जानते हैं पंडित जवाहरलाल नेहरू से जुड़ी कुछ खास बातें...

- पंडित जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद में हुआ था। जवाहरलाल नेहरू पंडित मोतीलाल नेहरू और स्वरूप रानी के चार बच्चों में सबसे बड़े पुत्र थे।

- जवाहर लाल नेहरू को अंग्रेजी, हिंदी और संस्कृत का अच्छा ज्ञान था। नेहरू 1905 में पढ़ाई के लिए ब्रिटेन चले गए थे। जवाहरलाल नेहरू ने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से लॉ किया था।

- जवाहर लाल नेहरू की शादी 1916 में कमला नेहरू से हुई। इसके एक साल बाद उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया जिसका नाम इंदिरा प्रियदर्शनी था।

- पंडित जवाहर लाल नेहरू लाल किले पर तिरंगा लहराने वाले पहले शख्स थे।

- जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) को सिगरेट पीने का बहुत शौक था। वो हर जगह सिगरेट पीते भी नजर आते थे। एक वक्त की बात है जब नेहरू जी भोपाल पहुंचे तो वहां उनकी 555 ब्रांड की सिगरेट खत्म हो गई। वहां कहीं भी उनकी सिगरेट नहीं मिली। जिसके बाद विशेष विमान में इंदौर से सिगरेट लाई गई।

- जवाहरलाल नेहरू एक बार लंदन जाने वाले थे। उनका नाई हमेशा लेट हो जाया करता था। नेहरूजी के पूछने पर नाई ने कहा- 'मेरे पास घड़ी नहीं है, जिसके कारण वो हमेशा लेट हो जाया करते हैं।' जिसके बाद वो लंदन से नई घड़ी लाए थे।

- जवाहरलाल चिंति‍त थे कि भारतीय महि‍लाएं ब्‍यूटी प्रोडक्‍ट्स पर बड़े पैमाने पर वि‍देशी मुद्रा खर्च कर रही हैं। जिसको देखते हुए नेहरू ने जेआरडी टाटा से ब्यूटी प्रोडक्ट बनाने का निवेदन किया। जिसके बाद लैक्मे मार्केट में आया।

- जवाहर लाल नेहरू एक अच्छे लेखक भी थे। उनकी प्रमुख किताबें डिस्कवरी ऑफ इंडिया और ग्लिम्प्स ऑफ वर्ल्ड हिस्ट्री हैं।

- जवाहर लाल नेहरू अपने जीवन में 9 बार जेल गए। चाचा नेहरू को 1955 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

- जवाहर लाल नेहरू के पहनावे का हर कोई दीवाना था। ऊंची कॉलर वाली जैकेट की उनकी पसंद ने नेहरू जैकेट को फैशन आइकन बना दिया। लोग आज भी इसे फॉलो करते हैं। आपको बता दें, नेहरू को 11 बार नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया गया लेकिन एक भी बार वह यह हासिल नहीं कर पाए।

- नेहरू 9 बार जेल गए। जहां रहते हुए उन्होंने अपनी बेटी इंदिरा को 146 पत्र लिखे। इस बात का जिक्र उनकी लिखी किताब Glimpses of World History में है।

- पंडित नेहरू एक अच्छे नेता और वक्ता ही नहीं थे, वो एक अच्छे लेखक भी थे। उन्होंने अंग्रेजी में 'द डिस्कवरी ऑफ इंडिया', 'ग्लिमप्स ऑफ वर्ल्ड हिस्टरी' और बायोग्राफी 'टुवर्ड फ्रीडम' कई किताबें लिखी हैं।

- पंडित नेहरू ने अपनी वसीयत में लिखा था- मैं चाहता हूं कि मेरी मुट्ठीभर राख प्रयाग के संगम में बहा दी जाए जो हिन्दुस्तान के दामन को चूमते हुए समंदर में जा मिले, लेकिन मेरी राख का ज्यादा हिस्सा हवाई जहाज से ऊपर ले जाकर खेतों में बिखरा दिया जाए, वो खेत जहां हजारों मेहनतकश इंसान काम में लगे हैं, ताकि मेरे वजूद का हर जर्रा वतन की खाक में मिलकर एक हो जाए।

- जवाहरलाल नेहरू की 27 मई 1964 को दिल का दौरा पड़ा जिसमें उनकी मृत्यु हो गई।