भारत ने जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित सलाल बांध के पांच गेट खोले, पाकिस्तान में बढ़ी चिंता

नई दिल्ली। भारत ने शनिवार सुबह जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित और चेनाब नदी पर बने सलाल बांध के पांच गेट खोल दिए हैं। इस कदम से पाकिस्तान में चिंता की लहर दौड़ गई है, क्योंकि वह सिंचाई और पीने के पानी के लिए चेनाब नदी पर अत्यधिक निर्भर है। बांध के गेट खोले जाने से पाकिस्तान की ओर जाने वाले पानी का बहाव तेज हो गया है, जिससे बाढ़ की संभावना बढ़ गई है।

यह कदम भारत द्वारा अप्रैल 2025 में सिंधु जल संधि को निलंबित करने के बाद बढ़े तनाव के बीच उठाया गया है। इससे पहले बुधवार को भी बगलिहार हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट बांध के दो गेट खोले गए थे।

जल एक रणनीतिक साधन

22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया था। 1960 में हस्ताक्षरित यह संधि भारत और पाकिस्तान के बीच साझा की जाने वाली छह नदियों- सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास और सतलुज के उपयोग को नियंत्रित करती है। विशेष रूप से चिनाब, पाकिस्तानी कृषि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सलाल और बगलिहार बांध दोनों इसी नदी पर स्थित हैं। भारत द्वारा संधि को निलंबित करने का निर्णय वर्षों से पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने में विफलता के बारे में शिकायतों के बाद लिया गया था।

बगलिहार बांध का विवादित इतिहास


2008 में उद्घाटन किया गया बगलिहार बांध दोनों पड़ोसियों के बीच विवाद का एक बिंदु रहा है। पाकिस्तान ने सिंधु जल संधि के उल्लंघन का हवाला देते हुए इसके डिजाइन पर आपत्ति जताई। हालांकि, विश्व बैंक द्वारा नियुक्त एक तटस्थ विशेषज्ञ ने भारत को संशोधनों के साथ आगे बढ़ने की अनुमति दी।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

पाकिस्तान ने भारत के इस कदम को अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने कहा कि भारत सिंधु जल संधि को एकतरफा निलंबित करके अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन कर रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि पाकिस्तान अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी ताकत से जवाब देगा।