लद्दाख में बैक फुट पर चीन, गलवान से 1.5 KM पीछे हटी चीनी सेना

गलवान की झड़प के 21 दिन बाद चीन एलएसी (LAC) पर 1.5 किलोमीटर पीछे हट गया है। न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। 30 जून को दोनों देशों के आर्मी अफसरों के बीच कई दौर की मीटिंग में विवाद वाले इलाकों से सैनिक पीछे हटाने पर सहमति बनी थी। झड़प के बाद तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के बीच डिप्लोमैटिक और आर्मी लेवल की कई मीटिंग हुई थीं। हालांकि, गलवान के गहराई वाले इलाकों में चीन के बख्तरबंद गाड़ियां अब भी मौजूद हैं। भारतीय सेना हालात पर नजर रख रही है। बता दें कि लद्दाख में तनाव न घटता देख नरेंद्र मोदी ने NSA अजीत डोभाल को मोर्चे पर लगा दिया था। खबरों के मुताबिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर दोनों देशों की सेना ने रिलोकेशन पर सहमति जताई थी। बताया जा रहा है कि गलवान घाटी को अब बफर जोन बना दिया गया है ताकि आगे फिर से कोई हिंसक घटना न हो।

वहीं, एक सीनियर अधिकारी का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से मौसम भी चुनौती बना हुआ है और गलवान नदी भी उफान पर है। इसलिए अभी यह साफ तौर पर नहीं कहा जा सकता कि चीनी सैनिक बातचीत में बनी सहमति के आधार पर ही पीछे गए हैं या फिर मौसम की चुनौती की वजह से। सूत्रों के मुताबिक गलवान, गोगरा और हॉट स्प्रिंग एरिया में भी चीनी सेना के भारी वीइकल की पीछे की तरफ मूवमेंट देखी गई है।

बता दें कि 15 जून की रात दोनों देशों के जवानों के बीच खूनी संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे जबकि चीन के 40 जवान मारे गए थे। लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिक डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया के तहत करीब 1.5 किमी पीछे हट गए हैं। सेना सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, चीनी सैनिकों ने अपने कैंप भी पीछे हटाए हैं। हालांकि इस पर अभी सेना का कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले शुक्रवार 3 जुलाई को अचानक लद्दाख में फॉरवर्ड लोकेशन पर पहुंचकर सैनिकों से मुलाकात की थी। उन्होंने जवानों से कहा कि आपने जो वीरता दिखाई उससे दुनिया ने भारत की ताकत देखी। मोदी ने कहा कि इतिहास गवाह है कि ऐसी ताकतें मिट जाती हैं। बता दें कि चीन समय-समय पर लद्दाख, अरुणाचल के इलाकों पर अपना दावा जताता रहता है। इतना ही नहीं, हाल ही में रूस और भूटान की कुछ जमीन पर भी उसने अपना दावा किया था।

लद्दाख में जवानों के लिए स्पेशल टेंट का ऑर्डर दिया जाएगा

लद्दाख में भारत ने 30 हजार अतिरिक्त जवान तैनात किए हैं। उन्हें ठंड से बचाने के लिए स्पेशल टेंट्स के इमरजेंसी ऑर्डर दिए जाएंगे। सेना के सीनियर अफसरों का मानना है कि चीन से तनाव लंबा चल सकता है, इसलिए स्पेशल टेंट्स की जरूरत पड़ेगी। न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि चीन ने भी अपने सैनिकों को खास तरह के टेंट्स में शिफ्ट करना शुरू कर दिया है।