कोरोना वायरस की रफ्तार बढ़ाने लगी चिंता, नोएडा में बीएनएस की धारा-163 लागू

देश में कोरोना वायरस संक्रमण की रफ्तार धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है, जिससे चिंता बढ़ने लगी है। देश में सक्रिय मामलों की संख्या 5000 के पार पहुंच गई है। राजधानी दिल्ली सहित आसपास के इलाकों में भी संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं। दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के नोएडा में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। पिछले 24 घंटे में नोएडा में 32 नए मामले दर्ज किए गए हैं, जिससे जिले में कुल संक्रमितों की संख्या 190 हो गई है। एक संक्रमित मरीज की मौत भी हो चुकी है। कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए नोएडा में बीएनएस की धारा-163 लगाई गई है, जो 7 जून से 9 जून तक लागू रहेगी। इस दौरान किसी भी प्रकार के धरना-प्रदर्शन या जुलूस की अनुमति नहीं होगी। बिना अनुमति 5 या अधिक लोग एक साथ एक जगह इकट्ठा नहीं हो सकते।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में सक्रिय कोरोना मामलों की संख्या 5,364 हो गई है। केरल सबसे अधिक प्रभावित राज्य है, उसके बाद गुजरात, पश्चिम बंगाल और दिल्ली शामिल हैं। बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए कोविड-19 से निपटने के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है। सभी राज्यों को ऑक्सीजन, आइसोलेशन बेड, वेंटिलेटर और आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

पिछले 24 घंटे में चार कोरोना संक्रमितों की मौत हुई है। ज्यादातर संक्रमित मरीज घर पर ही उपचार करवा रहे हैं। इस साल जनवरी से अब तक कुल 55 कोरोना से मौतें हो चुकी हैं। नोएडा में तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने जनता से विशेष सावधानी बरतने की अपील की है।

स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से मास्क पहनने, सामाजिक दूरी बनाए रखने और समय-समय पर हाथ धोने जैसे कोविड नियमों का कड़ाई से पालन करने को कहा है। साथ ही कोविड टेस्टिंग और वैक्सीनेशन को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया गया है, ताकि संक्रमण को नियंत्रण में रखा जा सके। जांच का दायरा बढ़ाकर अब प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी कोविड टेस्टिंग की जा रही है।

एसीएमओ डॉक्टर टीकम सिंह ने बताया कि जिले में 32 नए संक्रमित मिले हैं, जिनमें 79 पुरुष और 111 महिलाएं शामिल हैं। वर्तमान में अस्पताल में 3 मरीज भर्ती हैं। वहीं, कोरोना से 3.5 महीने की एक बच्ची की मौत भी हुई है। बच्ची का इलाज दिल्ली के चाचा नेहरू अस्पताल में चल रहा था, और उसकी मौत एक सप्ताह पहले हुई। स्वास्थ्य विभाग ने इस घटना के बाद परिजनों से संपर्क किया है और स्थिति पर निगरानी रखी जा रही है।